मुंबई : भारत निर्वाचन आयोग (EC) के फैसले के बाद अब महाराष्ट्र में एक और बड़ी सियायी उठा पटक के आसार हैं। चुनाव आयोग (EC) ने महाराष्ट्र के (MH) मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना (Shiv Sena) के धड़े को असली शिवसेना माना है। आयोग (EC) ने एकनाथ शिंदे गुट को पार्टी का नाम शिवसेना Shiv Sena) और चुनाव चिह्न तीर-कमान सौंप दिया। इसके बाद अब उन्हें पहले से दिए गए बालासाहेब शिवसेना और दो तलवार एवं ढाल के साथ दिए गए चुनाव चिह्न को फ्रीज कर दिया गया है। जिसके बाद उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा है।
माना जा रहा है कि जल्द ही एक और बड़ा झटका लगने वाला है। खबर है कि प्रदेश सरकार में कैबिनेट विस्तार हो सकता है, हालांकि, इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। हाल ही में चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना के रूप में मान्यता दे दी है और ‘तीर कमान’ का चिह्न भी सौंप दिया है।
महाराष्ट्र में 27 फरवरी से बजट सत्र की शुरुआत हो रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अटकलें हैं कि इससे पहले कैबिनेट विस्तार हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे गुट के एक सूत्र ने कहा कि कैबिनेट विस्तार और विधायकों को पक्ष में लाने में उनकी मदद करेगा और यह संदेश भी देगा कि सीएम शिंदे के पास सरकार में नियंत्रण है।
हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा कैबिनेट विस्तार के खास मूड में नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे गुट के एक नेता ने कहा, ‘कैबिनेट विस्तार लंबे समय से अटका हुआ है। शिवसेना के 40 विधायक हमारे साथ हैं और जुलाई 2022 से ही 10 निर्दलीय विधायक हमारा समर्थन कर ररहे हैं। सीएम शिंदे के अलावा केवल 9 लोगों को मंत्री बनाया गया है। ऐसे में 32 लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं और 14 मंत्री पद का दावा पेश कर रहे हैं। किसी भी फैसले से पहले राज्य के वरिष्ठ नेताओं और दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं के बीच चर्चा होगी। शिंदे गुट के एक अन्य नेता का कहना है कि कुछ पार्टी विधायकों और निर्दलीय को मंत्री बनाया जाना जरूरी है।
उन्होंने कहा, ‘संभावना है कि शिंदे गुट के विधायक कैबिनेट में शामिल किए जाएंगे। अगर और विधायक और खासतौर से एमवीए सरकार में मंत्री रहे विधायक आना चाहते हैं और सीएम शिंदे को समर्थन चजाना चाहते हैं, तो भी कैबिनेट के दरवाजे खोलने होंगे। ऐसे में संभावनाएं हैं कि कैबिनेट विस्तार होगा।’
उन्होंने यह भी बताया है कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से विचार विमर्श के बाद ही कैबिनेट विस्तार किया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘कैबिनेट विस्तार की संभावनाएं कम हैं, लेकिन अगर चर्चा होती है और दिल्ली से हरी झंडी मिलती है, तो ऐसा हो सकता है।’