कैबिनेट बैठक : डिफाल्टर किसानों को ब्याज से मिल सकती है मुक्ति
भोपाल : पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की कर्जमाफी के इंतजार में डिफाल्टर हुए 33 लाख से अधिक किसानों को शिवराज सरकार जल्दी ही बड़ी राहत देने की तैयारी में है। मंगलवार को प्रस्तावित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में उक्ताशय का प्रस्ताव लाए जाने के संकेत हैं।
सूत्रों के अनुसार,कमलनाथ सरकार के वक्त लागू दो लाख रुपए तक की कर्जमाफी योजना जमीन पर पूरी तरह नहीं उतर सकी। समय पर कर्ज अदायगी नहीं होने से प्रदेश में 33 लाख से अधिक किसान बैंकों द्वारा डिफाल्टर घोषित कर दिए गए हैं। इसके चलते इन्हें अब आगे कर्ज नहीं मिल पा रहा है। वहीं उनकी जमीन के दस्तावेज भी बैंकों के पास बंधक हैं। ऐसे में संबंधित किसान दोहरी मुश्किल में फंस गए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ऐसे किसानों का ब्याज से मुक्ति दिलाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। बताया जाता है कि डिफाल्टर हुए किसानों की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है। दो साल पहले यह संख्या 23 लाख थी जो जब बढ़कर 33 लाख से अधिक हो गई है। इन पर बैंकों को करीब बीस हजार करोड़ रुपए सिर्फ ब्याज का बकाया है। किसानों को ब्याज से मुक्ति दिलाने के लिए राज्य के सहकारिता विभाग द्वारा पहले भी योजना शुरू की गई,लेकिन यह अधिक कारगर साबित नहीं हो सकी। सरकार की माली हालत भी कोई बहुत अच्छी नहीं है। इस स्थिति में बीच का रास्ता निकालते हुए सरकार किस्तों में बैंकों को ब्याज की अदायगी कर किसानों को डिफाल्टर के भंवर से बाहर निकालने की तैयारी में हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने दो दिन पहले ही ग्वालियर में आयोजित एक कार्यक्रम में इसके संकेत भी दिए थे। माना जा रहा है कि मंगलवार को होने वाली बैठक में निर्णय लिया जा सकता है।
बैठक में एक अन्य प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग की मेधावी विद्यार्थी योजना से जुड़ा है। बताया जाता है कि सरकार योजना नियमों में संशोधन कर हितग्राही बच्चों की बार्षिक आय संबंधी बाधा को दूर क रेगी। सूत्रों के अनुसार, संशोधित योजना में यह प्रावधान किया जा रहा है कि एक बार योजना में शामिल होने पर यदि माता–पिता या पालक की वार्षिक आय छह लाख रपये से अधिक हो जाती है तो भी विद्यार्थी योजना के दायरे से बाहर नहीं होगा। इनके अलावा,डिप्लोमा करने के बाद इंजीनियरिंग या फ ार्मेसी पाठ्यक्रम के द्वितीय वर्ष में प्रदेश की संयुक्त केंद्रीयकृत प्रावीण्य सूची में प्रथम 15 प्रतिशत में स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को भी योजना का लाभ मिलेगा। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री चौहान ने अपने पिछले कार्यकाल में मेधावी विद्यार्थियों को उच्च अध्ययन का अवसर देने यह योजना लागू की थी। इसमें वार्षिक आय वर्तमान में छह लाख रुपए तय किया गया था। दो साल पहले इसे बढ़ाकर साढ़े सात लाख आय होने पर कु ल फीस का 75 प्रतिशत लाभ दिए जाना तय किया गया,लेकिन इसके बाद भी हितग्राही बच्चों को अधिक राहत नहीं मिल सकी।