कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने 5 जनवरी को संदेशखाली में एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता के आवास पर ईडी और सीएपीएफ अधिकारियों पर हमले को लेकर भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई द्वारा दायर जनहित याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया।
याचिका को खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि जनहित याचिका सिर्फ मीडिया रिपोर्टों के आधार पर दायर की गई थी। जनहित याचिका में घटना पर बैकग्राउंड रिसर्च का अभाव था, इसलिए यह स्वीकार्य नहीं था।
खंडपीठ ने यह भी कहा कि केंद्रीय सुरक्षा और जांच एजेंसियों के पास इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए पर्याप्त अधिकार और जानकारी है। जनहित याचिका 8 जनवरी को दायर की गई थी। मामले में पहली सुनवाई गुरुवार को हुई, जहां डिवीजन बेंच ने इसे खारिज कर दिया।
जनहित याचिका की अस्वीकृति के संबंध में खंडपीठ की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब ईडी ने पहले ही कलकत्ता हाईकोर्ट की दो एकल-न्यायाधीश पीठों में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। जिसमें राज्य पुलिस द्वारा ईडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को चुनौती दी गई है, जिन पर उस दिन हमला हुआ था और वे घायल हो गए थे।
दो पीठों में से एक ने गुरुवार को पहले ही मौखिक आदेश देकर राज्य पुलिस को 15 जनवरी तक मामले में ईडी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था। अन्य एकल-न्यायाधीश पीठ में सुनवाई दिन में बाद में निर्धारित की गई।