पाकिस्तान का अफगान शरणार्थियों को निष्कासित करने के अभियान जारी, 8 हजार लोगों को देश से निकाला

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने देशभर में अवैध अफगान नागरिकों को निष्कासित करने के अभियान के तहत 8,000 से अधिक अफगान शरणार्थियों को अफगानिस्तान वापस भेज दिया है. यह कार्रवाई उस समय शुरू की गई जब अफगान सिटिजन कार्ड (ACC) धारकों की स्वैच्छिक वापसी की समयसीमा 31 मार्च को समाप्त हो गई.
सरकारी सूत्रों के अनुसार, 1 अप्रैल से अब तक लगभग 8,115 अफगान नागरिकों को तोर्खम बॉर्डर के रास्ते उनके देश भेजा गया है. बताया गया कि ये लोग मुख्य रूप से पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों से गिरफ्तार किए गए थे और सत्यापन के बाद उन्हें अफगान अधिकारियों को सौंप दिया गया.
एक रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब प्रांत में सबसे अधिक सक्रियता से यह अभियान चल रहा है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों अफगान नागरिकों को गिरफ्तार किया जा रहा है और उन्हें विशेष केंद्रों में भेजा जा रहा है, जहां से उन्हें वापस अफगानिस्तान भेजा जा रहा है.
पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि उन्होंने प्रांत के विभिन्न हिस्सों से 5,000 से अधिक अफगान नागरिकों को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों ने पंजाब में 1 लाख अवैध रूप से रह रहे अफगानों की पहचान की है, जिन्हें जल्द ही निष्कासित किया जाएगा. हालांकि, वैध दस्तावेज रखने वाले अफगानों को नहीं निकाला जाएगा.
सिंध प्रांत से भी सैकड़ों अफगान नागरिकों को गिरफ्तार कर निर्वासित किए जाने की खबरें सामने आई हैं. यह निष्कासन अभियान का दूसरा चरण है, जो विशेष रूप से ACC धारकों को लक्षित कर रहा है. इससे पहले सितंबर 2023 में पहला चरण शुरू हुआ था, जिसके तहत अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को निकाला गया.
पहले चरण में तोर्खम सीमा के जरिए 70,494 अफगान परिवारों (लगभग 4,69,159 व्यक्तियों) ने अपने देश वापसी की. हालांकि, विभिन्न बॉर्डर पॉइंट्स से कुल मिलाकर 8 लाख से अधिक अफगान नागरिकों ने पाकिस्तान छोड़ा.
इस बीच, देशभर में पुलिस का अभियान जारी है, जिसमें उन अफगान नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है जिनके पास PoR (प्रूफ ऑफ रेजीडेंस) कार्ड नहीं हैं या जिनके ACC कार्ड की वैधता समाप्त हो चुकी है.
उल्लेखनीय है कि 1980 के दशक में सोवियत संघ के अफगानिस्तान पर आक्रमण के बाद वहां की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के चलते बड़ी संख्या में अफगान नागरिक पाकिस्तान आए थे.