नई दिल्ली: भारत की पहली महिला हृदयरोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) डॉक्टर एसआई पद्मावती का 103 साल की उम्र में कोरोना संक्रमित होने के कारण नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट में शनिवार को निधन हो गया।
डॉक्टर एसआई पद्मावती को एनएचआई में 11 दिन पहले भर्ती कराया गया था। एनएचआई के सीईओ डॉक्टर ओपी यादव ने कहा कि डॉ. पद्मावती के दोनों फेफड़ों में गंभीर संक्रमण हो गया था जिसके कारण उनका निधन हो गया।
एनएचआई ने बयान में कहा, ‘भारत की पहली महिला हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ एस पद्मावती का 29 अगस्त को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हो गया। बयान के मुताबिक, ‘वह संक्रमित थीं और उन्हें सांस लेने में तकलीफ और बुखार की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया हो गया था। हालांकि, हृदयाघात के बाद उनका निधन हो गया।’
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डॉ. पद्मावती का अंतिम संस्कार पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग शमशान घाट में किया गया। महान हृदय रोग विशेषज्ञ ने अपने आखिरी दिनों तक एक सक्रिय और स्वस्थ जीवन जीया। 2015 के अंत तक वे दिन में 12 घंटे, सप्ताह में पांच दिन एनएचआई में काम कर रही थीं।
1981 में उन्होंने एनएचआई की स्थापना की थी। उनके योगदान के कारण ही उन्हें ‘गॉडमदर ऑफ कार्डियोलॉजी’ की उपाधि दी गई थी। जीबी पंत हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. विजय त्रेहन के मुताबिक, जब हमारे विभाग ने स्थापना के 50 साल पूरे किए थे, तभी वह डॉ. एस पद्मावती से मिले थे। इस दौरान उन्हें सम्मानित भी किया गया था।