एमआईएम के नेता गिरफ्तार, कांग्रेस प्रवक्ता समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज
अमेठी में इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मी और लखनऊ के पुलिस कर्मियों को किया गया निलंबित
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में लोकभवन के सामने शुक्रवार की शाम को अमेठी की रहने वाली मां-बेटी के आत्मदाह करने के मामले में जामो के प्रभारी निरीक्षक, विवेचक और दो सिपाहियों को निलंबित किया गया है। जांच के दौरान लखनऊ पुलिस ने मामले में एमआईएम और कांग्रेस नेता सहित चार के खिलाफ आपराधिक साजिश में मुकदमा दर्ज किया है। एएमआईएम के नेता को समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले के पीछे साजिश होना बताया है।
रिजर्व पुलिस लाइन में शनिवार को प्रेसवार्ता में पुलिस आयुक्त सुजीत पाण्डेय ने बताया कि शुक्रवार को एक मां-बेटी ने लोकभवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था। दोनों की हालत गंभीर है। यह मां-बेटी अमेठी के जामों की रहने वाली है। पीड़ित गुड़िया के मुताबिक जामो कस्बा में उनकी पुश्तैनी जमीन है जिस पर कब्जा और पानी निकासी को लेकर कुछ लोग विवाद कर रहे हैं। इन लोगों ने उसके घर पर हमला भी किया था। इस दौरान उसके साथ बदसुलूकी भी की गई।
जामो पुलिस ने सुनील, राजकरन, राममिलन, के खिलाफ मारपीट व छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं एसडीएम ने भी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर की गई शिकायत पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसके कारण दबंग उन्हें लगातार प्रताड़ित करते आ रहे हैं। आरोप यह है कि इस मामले में दारोगा ब्रह्मानंद यादव ने उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद दारोगा आरोपितों पर कार्रवाई करने के बजाए समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। पीड़िताओं के मुताबिक जब अमेठी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो उच्चाधिकारियों से भी संपर्क किया। पीड़िता ने बताया कि वह आईजी रेंज के कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगा चुकी हैं। लेकिन वहां न्याय नहीं मिला। पुलिस व प्रशासन सीधे दबंगों की मदद कर रहा है।
घटना से पहले कांग्रेस दफ्तर गईं मां-बेटी
पुलिस की जांच में यह पता चला है कि पुलिस प्रशासन से जब न्याय नहीं मिला तो यह महिलाएं घटना से पूर्व कांग्रेस कार्यालय जाकर अनूप पटेल से मिली भी थीं। अनूप पटेल ने एक बड़े चैनल के पत्रकार को फोन करके कवरेज करने की बात कही थी। पत्रकार ने पुलिस को इस बात की जानकारी दी कि अनूप पटेल ने फोन करके दी थी पूरे मामले की जानकारी। सरकार को बदनाम करने की साजिश रची गयी है। इस मामले में कांग्रस प्रवक्ता अनूप पटेल और एमआईएम नेता कदीर खां के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। महिला आसमां और एमआईएम के जिलाध्यक्ष को भी गिरफ्तार किया गया है। आसमां और सुल्तान नाम के भी दो 2 लोगों का नाम षड्यंत्र में शामिल है।
लखनऊ में तैनात चार पुलिसकर्मी निलंबित
पुलिस कमिश्नर ने घटना के दौरान लोकभवन पर तैनात चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। महिला को आग लगाने में रोकने में नाकाम रहने पर ये कार्रवाई हुई है। पुलिस आयुक्त ने कहा है कि हमने इस संबंध में चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें एमआईएम नेता कदीर खान और कांग्रेस नेता अनूप पटेल शामिल हैं।
मां की हालत नाजुक
लोकभवन के सामने मां-बेटी ने आत्मदाह के लिए मिट्टी का तेल उड़ेल लिया और खुद को आग लगा दी। कुछ देर बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने उन्हें आग की लपटो से बचाते हुए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है। डॉक्टरों का कहना है कि महिला साफिया 80 प्रतिशत तक जल गई है। जबकि उनकी बेटी गुड़िया 40 प्रतिशत जली है। दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है। इलाज किया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने किया था ट्वीट
लोकभवन के सामने मां-बेटी के आग लगाने के मामले में सियासत भी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं है। लोकभवन के सामने दो महिलाओं के आत्मदाह की घटना सोती हुई सरकार को जगाने के लिए क्या काफी नहीं है या फिर असंवेदनशील सरकार व मुख्यमंत्री जी किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहे हैं।
लोकभवन के सामने 2 महिलाओं द्वारा आत्मदाह की घटना, सोती हुई सरकार को जगाने के लिए क्या काफ़ी नहीं है या फिर असंवेदनशील सरकार व मुख्यमंत्री जी किसी और बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2020
क्या उप्र में सरकार नाम की कोई चीज़ है !
लखनऊ में लोकभवन के सामने दो महिलाओं द्वारा दबंगों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई न होने से हताश होकर आत्मदाह करने की दुःखद ख़बर आयी है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 17, 2020
सपा ने लोकभवन इसलिए बनवाया था कि वहाँ बिना भेदभाव आम जनता अपनी शिकायतों के निवारण के लिए जा सके, लेकिन इस भाजपा सरकार में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं।