सीएम धामी के आदेश पर हैलीकाप्टर कंपनी पर केस दर्ज

गौरीकुंड हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद उत्तराखंड प्रशासन ने हेलीकॉप्टर सेवा कंपनियों पर कड़ा एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आर्यन कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। दुर्घटना में शामिल आर्यन एविएशन की सभी उड़ानों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए ट्रांसभारत एविएशन पर भी कार्रवाई की गई है। जानकारी के अनुसार, खराब मौसम के बावजूद ट्रांसभारत के दो हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरी थी, जो सुरक्षा मानकों का उल्लंघन माना गया। इसके चलते दोनों हेलीकॉप्टर पायलटों—कैप्टेन योगेश ग्रेवाल और कैप्टेन जितेंद्र हरजाई के लाइसेंस 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिए गए।
आर्यन कंपनी पर क्या आरोप?
आर्यन कंपनी के खिलाफ दर्ज मामले में कहा गया है कि रविवार के दिन मौसम खराब था। बादल और धुंध आसमान पर छाए थे। ऐसे में एसओपी का उल्लंघन करते हुए हेलीकॉप्टर चलाया गया। इसी वजह से हादसा हुआ। यह भी कहा गया है कि आर्यन कंपनी के मैनेजर भलीभांति जानते थे कि ऐसे मौसम में हेलीकॉप्टर की सवारी जानलेवा हो सकती है। इसके बावजूद आर्यन कंपनी ने हेलीकॉप्टर चलाया और यही लापरवाही हादसे की वजह बनी। इस हादसे के लिए आर्यन कंपनी के मैनेजर विकास तोमर और एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक को जिम्मेदार ठहराया गया है।
समय से पहले रवाना हो गया था हेलीकॉप्टर
एफआईआर में बताया गया है कि हेलीकॉप्टर के संचालन के लिए पहला स्लॉट सुबह छह बजे से सात बजे के बीच है, लेकिन यह हादसा सुबह 5.30 बजे हुई। ऐसे में कंपनी की तरफ से एसओपी का पालन नहीं किया गया। इसी वजह से कंपनी के अधिकारियों को हादसे के लिए जिम्मेदार माना गया है।
केदारनाथ हादसे में हुई थ्सी त लोगों की मौत
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में रविवार को एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी। हेलीकॉप्टर श्रद्धालुओं को लेकर केदारनाथ से वापस लौट रहा था। इसी दौरान रुद्रप्रयाग के पास गौरीकुंड के जंगलों में खराब विजिबिलिटी के चलते हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। हेलीकॉप्टर में सवार सभी लोग मारे गए। उनके शव बुरी तरह जल गए थे।