राजगढ़: इंदौर पुलिस ने मुहर्रम जुलूस के दौरान फिलिस्तीनी झंडा लहराने के आरोप में खंडवा में तीन लोगों को हिरासत में लिया है. इधर राजगढ़ जिले में इसी मामले में पुलिस ने एक नाबालिग लड़के को हिरासत में लिया, क्योंकि उसे एक वीडियो में फिलिस्तीनी का झंडा लहराते हुए देखा गया था, लेकिन पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया. बुधवार को देश भर में ताजिया जुलूस निकाले गए और मुहर्रम के अवसर पर विशेष नमाज अदा की गई थी.
हिंदू संगठनों ने शिकायत की कि फिलिस्तीनी झंडा लहराना हमास के समर्थन को दर्शाता है, जो इजरायल के साथ संघर्ष में लगा हुआ है. शिकायतकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि चूंकि भारत ने संघर्ष में इजरायल के प्रति समर्थन जताया है, इसलिए हमास के समर्थन में फिलिस्तीनी झंडे लहराना एक राष्ट्र-विरोधी कृत्य था.
खंडवा के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) के द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद हमने तीन लोगों को हिरासत में लिया है आरोप है कि मुहर्रम जुलूस के दौरान उन्होंने फिलिस्तीनी झंडा लहराया गया था.आरोप ये भी है कि उन्होंने सांप्रदायिक उन्माद भड़काने के लिए ऐसा किया गया था. पुलिस पकड़े गए लोगों से मकसद जानने के लिए पूछताछ कर रही है.
इधर इसी मामले में राजगढ़ में एक नाबालिग को पुलिस ने हिरासत में लिया, क्योंकि एक वीडियो में उसे शहर में मुहर्रम जुलूस के दौरान फिलिस्तीनी झंडा लहराते हुए दिखाया गया था. लेकिन पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया. पुलिस ने इस बात से इनकार भी किया कि ये झंडे उग्रवादी इस्लामी समूह हमास के थे. पुलिस ने कहा कि जुलूस के दौरान इजरायल विरोधी नारे नहीं लगाए गए. लेकिन खंडवा में कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि जुलूस के दौरान खंडवा शहर के शिवाजी चौक पर कुछ लोगों ने इजरायल विरोधी नारे लगाए.