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बिहार में जातिगत गणना पर लगेगी रोक? SC सुनवाई के लिए तैयार

नईदिल्ली : बिहार में जारी जातिगत गणना पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में फिर से याचिका दायर की गई है। शीर्ष अदालत इस पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई है। जाति आधारित गणना पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर SC 28 अप्रैल को सुनवाई करेगा। इससे पहले भी नीतीश सरकार द्वारा जातिगत गणना कराए जाने के फैसले को संवैधानिक आधार पर गलत करार देते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। हालांकि, पूर्व की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था। बिहार में जाति आधारित गणना का दूसरा चरण चल रहा है, जो 15 मई तक पूरा होने की संभावना है।

टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार में जातीय गणना पर रोक लगाने की मांग वाली नई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है। खास बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। जबकि इससे पहले वाली याचिकाओं को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था।

नीतीश सरकार ने पिछले साल जातीय गणना कराने का नोटिफिकेशन जारी किया था। बिहार में जाति आधारित गणना का पहला चरण जनवरी में पूरा किया गया। उस वक्त भी अदालत में याचिका दायर कर उस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि नीतीश सरकार का जातिगत गणना कराने का फैसला संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन है। क्योंकि जनगणना कराने का हक सिर्फ केंद्र सरकार को है, राज्य अपने स्तर पर जनगणना नहीं करा सकते हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया था।

दूसरी ओर, नीतीश सरकार की ओर से लगातार यह दलील दी गई कि यह जनगणना नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक सर्वे है। बिहार सरकार कोई जनगणना नहीं करवा रही है। सर्वे कराने का अधिकार हर राज्य सरकार के पास है। इसलिए यह संविधान के खिलाफ नहीं है।

बीते 15 अप्रैल को बिहार में जातिगत गणना का दूसरा चरण शुरू हुआ। इसमें सरकारी कर्मचारी घर-घर जाकर सर्वे कर रहे हैं। इस चरण के 15 मई तक पूरे होने की संभावना है। इसके बाद जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अगर सुप्रीम कोर्ट इस सर्वे पर रोक लगाती है तो जातिगत गणना के आंकड़े सार्वजनिक नहीं हो पाएंगे।

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