जीवनशैलीस्वास्थ्य

औषधीय गुणों से भरपूर होता है कैथा, बस खाने का तरीका जान लो

नई दिल्ली । बेहद कम पानी और बेहद विपरीत परिस्थितियों में भी आसानी से विकसित होने वाला कैथा औषधीय गुणों से भरपूर होता है, यह बात बहुत कम लोग जानते हैं। वुड एप्पल या कैथा ऐसा ही फल है जिसका पेड़ बिना किसी ज्यादा मशक्कत के अपने आप उग जाता है, लेकिन इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि इसके प्रति लोगों की उदासीनता के चलते यह प्रजाति तेजी से खत्म हो रही है। इसके औषधीय गुणों से भी लोग परिचित नहीं है, जिसकी वजह से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका का यह वृक्ष अपने तमाम गुणों के बावजूद लोगों के दिलों में जगह नहीं बना पाया है। बंगाली में कठबेल, गुजराती में कोथु, कन्नड़ में बेले, मलयालम और तमिल में पजम, मराठी में कवथ, उड़िया में कैथा, संस्कृत में कपित्य और तेलुगु में वेलेगा पंडु कहते हैं।

सामान्यत: सभी स्थानों पर देखने को मिलता है, परंतु खास तौर पर यह शुष्क स्थानों पर उगने वाला फल है। यह बहुत अधिक तापमान पर भी पुष्पित-पल्लवित हो जाता है। सभी तरह की मृदा में लगाया जा सकता है। सूखे क्षेत्रों में आसानी से पनप जाता है। पौधा संभल जाने के बाद बहुत कम देखभाल की जरूरत पड़ती है। 5-9 सेमी परिधि वाले इसके गोल फल अत्यंत पौष्टिक होते हैं। कच्चे पर खट्टे और पकने पर मीठे होते हैं। दोनों को ही चाव से खाया जाता है। कैथे के कच्चे फल में पके फल की अपेक्षा विटामिन सी और अन्य फ्रूट एसिड की अधिक मात्रा होती है। बीज में प्रोटीन ज्यादा मात्रा में होता है। बीज में सभी आवश्यक मिनरल्स पाए जाते हैं। गूदे में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर होता है। विटामिन सी सहित आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और जिंक भी पाया जाता है। यह प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है। पाचन क्रिया को अच्छा बनाये रखने में सहायता करता है। पका हुआ फल शरबत बनाने के काम आता है जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसके पाउडर को औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। यह फल कोलेस्ट्राल तथा ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करता है। मधुमेह में रामबाण साबित होता है।

Related Articles

Back to top button