बेंगलुरु : सीबीआई ने बुधवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष एक अपील दायर कर 2012 में धर्मस्थल के पास पंगाला में 17 वर्षीय लड़की के सनसनीखेज बलात्कार और हत्या मामले में आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती दी।
सीबीआई की विशेष अदालत ने 16 जुलाई को आरोपी संतोष राव को बरी कर दिया था और मामले में उसे फंसाने के लिए जांच अधिकारी और अभियोजन पक्ष को फटकार लगाई थी। अदालत ने जांच को विफल करने के लिए पुलिस अधिकारियों और अन्य के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का भी सुझाव दिया था। फैसले के चार महीने बाद सीबीआई ने अपील दायर की है। निचली अदालत ने फैसले पर अपील दायर करने के लिए सीबीआई को 60 दिन का समय दिया था।
जानकारों का कहना है कि यह देखने वाली बात होगी कि हाईकोर्ट इस अपील को स्वीकार करेगा या नहीं। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने दावा किया है कि मामले में बरी किए गए संतोष राव ही असली अपराधी हैं और वह उनके खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए इस संबंध में आवश्यक सबूत प्रस्तुत करेगी।
कार्यकर्ताओं के वास्तविक दोषियों को बचाने में क्षेत्र के एक शक्तिशाली धार्मिक परिवार की भूमिका और भाजपा के एक प्रमुख राजनेता का हाथ होने का आरोप लगाने के बाद मामले ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है। मामले की दोबारा जांच करने और असली दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कार्यकर्ता तटीय कर्नाटक में विशाल रैलियां आयोजित कर रहे हैं।
आरोपी धार्मिक परिवार और भाजपा नेता के समर्थक भी आरोपी के समर्थन में बड़ी रैलियां कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह एक हिंदू तीर्थस्थल पर हमला है। उच्च न्यायालय ने पहले मामले की दोबारा जांच की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी और इस बात पर जोर दिया था कि यह मांग परिवार के सदस्यों द्वारा की जानी थी। हालांकि, पीड़िता के परिवार वालों ने कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाया है।
दक्षिण कन्नड़ जिले के प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ धर्मस्थल के पास पंगाला में 10 अक्टूबर 2012 को एक नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या की सूचना मिली थी। 17 वर्षीय पीड़िता श्री धर्मस्थल मंजुनाथ कॉलेज में 12वीं कक्षा की छात्रा थी। जब वह क्लास के बाद अपने घर की ओर जा रही थी तो कथित तौर पर उसका अपहरण कर लिया गया और बाद में उसका शव निर्वस्त्र अवस्था में बरामद किया गया।