प्रोड्यूसर बंटी वालिया के खिलाफ इस मामले में CBI ने दर्ज किया केस
नई दिल्ली : सीबीआई (Central Bureau of Investigation) ने आईडीबीआई बैंक को 119 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान से जुड़े कथित बैंक धोखाधड़ी मामले (Bank Fraud Case) में फिल्म निर्माता जसप्रीत सिंह वालिया (Jaspreet Singh Walia) उर्फ बंटी वालिया (Bunty Walia) के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आईडीबीआई बैंक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि जून 2008 में वालिया सहित अन्य की व्यक्तिगत गारंटी पर जीएस एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (जीएसईपीएल) को संजय दत्त और बिपाशा बसु अभिनीत फिल्म ‘लम्हा’ के निर्माण के लिए फिल्म वित्तपोषण योजना के तहत 23.5 लाख डॉलर (उस समय 10 करोड़ रुपये के बराबर) का विदेशी मुद्रा ऋण (एफसीएल) और 4.95 करोड़ रुपये का सावधि ऋण (आरटीएल) स्वीकृत किया गया था।
बैंक ने दावा किया है कि तय योजना के तहत फिल्म 2009 में प्रदर्शित होनी थी, लेकिन “सभवत: प्रवर्तकों और प्रदर्शकों के बीच विवाद के कारण इसकी रिलीज लटक गई।” बैंक ने कहा है कि 30 सितंबर 2009 को यह खाता एक गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बन गया। इसके बाद, बैंक ने जीएसईपीएल, पीवीआर और आईडीबीआई बैंक के बीच एक उपयुक्त त्रिपक्षीय समझौते के निष्पादन के तहत दुनियाभर में फिल्म रिलीज करने के लिए एकमात्र वितरक के रूप में पीवीआर को नियुक्त किया। साथ ही पीवीआर द्वारा प्रिंट और प्रचार पर आवश्यक व्यय और शेष पोस्ट-प्रोडक्शन कार्य को पूरा करने के लिए आठ करोड़ रुपये की राशि के निवेश की प्रतिबद्धता भी पूरी की।
त्रिपक्षीय समझौता बैंक, जीएसईपीएल और पीवीआर के बीच 2 जून 2010 को हुआ था। बैंक का आरोप है, “हालांकि, पीवीआर अपनी प्रतिबद्धता पर खरा उतरने में नाकाम रहा, क्योंकि उसे लगभग 83.89 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था। कंपनी द्वारा एकत्र की गई कुल कमाई 7.41 करोड़ रुपये थी, जबकि उसके द्वारा प्रचार और वितरण पर 8.25 करोड़ रुपये का खर्च किया गया था।” बैंक ने आरोप लगाया कि एक फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि कंपनी ने एक ‘फर्जी उपयोग प्रमाण पत्र’ जमा किया, बैंक की राशि स्थानांतरित की और बही खाते में हेरफेर किया।
उसने जीएसईपीएल पर धोखाधड़ी, जालसाजी, रिकॉर्ड में हेरफेर, सार्वजनिक धन की हेराफेरी, गलत बयानी और विश्वास के आपराधिक उल्लंघन का आरोप लगाया है, जिसके परिणामस्वरूप ऋण को धोखाधड़ी घोषित किया गया। सीबीआई ने मामले में वालिया, जीएसईपीएल और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित धाराओं के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया है।