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केरल सीएम विजयन के विवादित हाउसिंग प्रोजेक्ट को लेकर तीसरी बार एक्शन में सीबीआई

तिरुवनंतपुरम । सीबीआई तीसरी बार केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की पसंदीदा परियोजना, लाइफ मिशन को लेकर एक्शन में आ गई है। जो कथित गलत कामों के कारण सीबीआई और ईडी की जांच के दायरे में आ गया था लेकिन फिलहाल ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ था। सीबीआई ने विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर को गुरुवार को उनके सामने पेश होने को कहा है। हाल ही में सोने की तस्करी मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश को तलब किया था और उससे पूछताछ की थी। इसके बाद बुधवार शाम को खबर आई कि शिवशंकर को नोटिस जारी कर गुरुवार सुबह 10.30 बजे एजेंसी के सामने पेश होने को कहा गया है।

केरल सरकार की प्रमुख परियोजना में विदेशी योगदान नियमों का कथित उल्लंघन शामिल है, जिसका उद्देश्य 2018 की विनाशकारी बाढ़ में अपने घरों को खोने वाले गरीबों को घर उपलब्ध कराना था। तब त्रिशूर जिले के वडाकनचेरी में परियोजना तबाह हो गई थी। सीबीआई ने इससे पहले यूनिटैक के बिल्डर संतोष ईपेन को गिरफ्तार किया था और शिवशंकर समेत शीर्ष सरकारी अधिकारियों से पूछताछ की थी।

यह मामला जून 2020 में सोने की तस्करी का मामला सामने आने के बाद सामने आया था जिसमें शिवशंकर को जेल हुई थी। स्वप्ना सुरेश और सरित दोनों, जो संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास में कार्यरत थे, इनकी बाद में लाइफ मिशन फंड के हेराफेरी में भी भूमिका मिली।

राज्य सरकार ने जांच रोकने के लिए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उसने याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों से जुड़े मामले में सीबीआई जांच जारी रहनी चाहिए। सीबीआई ने जांच में पाया कि, केरल सरकार की एक संस्था की ओर से निर्माण कर रही निजी कंपनी यूनिटैक को टेंडर के जरिए ठेका नहीं दिया था।

इस परियोजना में 97 अपार्टमेंट और एक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण शामिल था, और यह आरोप लगाया गया था कि सोने की तस्करी के मामले के दोनों आरोपियों ने यूनिटैक के साथ बातचीत की और परियोजना लागत का 30 प्रतिशत- यूएई के एक अधिकारी को 20 फीसदी और स्वप्ना सुरेश और अन्य सह-आरोपियों को मंजूरी और अन्य फाइल मूवमेंट के लिए 10 फीसदी कमीशन तय किया गया।

सीबीआई ने दावा किया कि शिवशंकर ने स्वप्ना सुरेश के साथ यूनिटैक के मालिक संतोष ईपेन से उनके कक्ष में मुलाकात की थी। इस बैठक में लाइफ मिशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी यू.वी. जोस भी कथित तौर पर मौजूद थे। कुछ महीने जेल में रहने के बाद शिवशंकर को जमानत मिल गई और अब वह ड्यूटी पर लौट आए हैं।

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