रामपुरहाट: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रामपुरहाट उपमंडल के पूर्व पुलिस अधिकारी शायन अहमद और स्थानीय पुलिस थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर त्रिदीप प्रमाणिक से बीरभूम नरसंहार की जांच के संबंध में दो दिनों में दूसरी बार मंगलवार को पूछताछ की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। गौरतलब है कि 21 मार्च की रात हुई घटना के बाद अहमद को अनिवार्य प्रतीक्षा पर भेज दिया गया है जबकि प्रमाणिक को निलंबित कर दिया गया है।
इस घटना में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता की हत्या के बाद अज्ञात बदमाशों ने नौ लोगों को जिंदा जला दिया था। सीबीआई ने इन दोनों से सोमवार को भी पूछताछ की थी। सीबीआई अधिकारी ने कहा, ‘‘एसडीपीओ और आईसी को घटना की जानकारी देने के लिए कहा गया। उनके जवाब दर्ज किए गए हैं।”
केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने रामपुरहाट शहर के समीप बोगतुई गांव में नरसंहार में अपने परिवार के सात सदस्यों को खोने वाले मिहिलाल शेख से भी पूछताछ की। इसके अलावा घटना में घायल हुई और सोमवार को एक अस्पताल में दम तोड़ने वाली नाजमा बीबी के पति से भी पूछताछ की गयी। सीबीआई अधिकारियों के एक अन्य दल ने फिर से बोगतुई गांव में क्षतिग्रस्त मकानों का दौरा किया और नमूने एकत्रित किए।
अधिकारी ने बताया कि एजेंसी का एक अलग दल बतासपुर गांव गया, जहां नरसंहार में मारे गए लोगों के परिवार के सदस्य भागकर आए थे और उन्होंने जांच के तौर पर उनसे बातचीत की। सीबीआई कोलकाता उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच कर रही है। इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने मामले की जांच की थी।