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केंद्र ने पहली बार बिजली संकट को स्वीकारा, 13 पावर प्लांट्स को दिया जरूरत का 10 फीसदी कोयला आयात करने का निर्देश

नई दिल्ली: देश में मौजूदा बिजली संकट को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने एक साथ कई तरह की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी के तहत केंद्र सरकार ने 13 आयातित कोयला आधारित पावर प्लांट्स कंपनियों को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में ऊर्जा मंत्रालय ने उनकी जरूरत का कम से कम 10 फीसदी कोयला आयात करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में साफ तौर पर लिखा है कि मौजूदा समय में बिजली की मांग 20 फीसदी तक बढ़ी है और घरेलू कोयले की पूर्ति को बढ़ाया भी गया है। लेकिन मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए वह पर्याप्त नहीं है। मंत्रालय ने पावर जनरेशन कंपनियों को लिखी चिट्ठी में इस बात की आशंका जताई है कि आने वाले वक्त में हालात बहुत गंभीर हो सकते हैं। ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से पहली बार कोयला संकट को लेकर ये चेतावनी जारी की गई है।

मंत्रालय की तरफ से इन कंपनियों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। इन कंपनियों में आयातित कोयले से बिजली बनाने वाली अदानी समूह और टाटा समूह की बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं। वहीं, इकॉनिमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने बिजली अधिनियम की धारा 11 को लागू कर दिया है। सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी गई है। इसके लागू होने का मतलब ये है कि सभी आयातित कोयले से चलने वाले प्लांट्स को अब पूरी क्षमता के साथ ऊर्जा पैदा करनी होगी। इस आदेश को देर रात गुरुवार को जारी किया गया। इसे ऐसे समय पर लागू किया गया है, जब गर्मियों के महीने में बिजली की मांग 220 गीगावाट तक पहुंच गई है।

वहीं, रेलवे ने ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की महत्वपूर्ण आपूर्ति की कमी से निपटने के लिए देश भर में कोयला रेक की आवाजाही को प्राथमिकता देने के लिए 42 यात्री रेलगाड़ियां रद्द कर दी है। रेलवे ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। इनमें से 40 रेलगाड़ियां 24 मई तक रद्द रहेंगी, बाकी दो को आठ मई तक बहाल कर दिया जाएगा। पिछले कुछ हफ्तों में कोयला रेक की आवाजाही को प्राथमिकता देने वाली रेलवे ने अपने 86 प्रतिशत खाली रेक को बिजली प्लांट्स के लिए जरूरी सामग्री उपलब्ध कराने में लगा दिया है।

रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘रद्द रेलगाड़ियों की कुल संख्या 40 है, जिनमें पहले से रद्द रेलगाड़ियां शामिल हैं। कुल रद्द फेरों की संख्या 1081 है। ये फेरे 24 मई तक रद्द रहेंगे।’ उन्होंने कहा कि यद्यपि सबसे अधिक 34 प्रभावित रेलगाड़ियां दक्षिण पूर्व मध्य (एसईआर) रेलवे जोन की हैं। उत्तर रेलवे ने आठ रेलगाड़ियां रद्द की है, जिन्हें आठ मई तक फिर से शुरू कर दिया जाएगा। कोयले को बिजली संयंत्रों तक पहुंचाने की कवायद के तहत 26 मेल/एक्सप्रेस रेलगाड़ियां प्रभावित हुई हैं, जिनमें 16 विशेष यात्री रेलगाड़ियां या मेमू शामिल हैं।

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