पहली महिला CJI बनने का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के 9 नामों की सिफारिश को केंद्र की हरी झंडी
नई दिल्ली: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम कि अनुशंसा वाले सभी नौ नामों को मंजूरी दे दी है। नौ नामों में आठ जज और सुप्रीम कोर्ट के एक वकील शामिल हैं। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्तियों के लिए सीजेआई एन.वी. रमना के नेतृत्व वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा भेजे गए सभी नामों को मंजूरी दी गई है।
इन नामों में से एक न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना हैं, जो भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हो सकती हैं। माना जा रहा है कि फाइलों को आगे की औपचारिकताओं और नियुक्तियों के लिए राष्ट्रपति को भेज दिया गया है। अगर सब कुछ सही होता है तो सुप्रीम कोर्ट में जल्द नौ नए न्यायाधीश शपथ लेंगे।
नौ नामों में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के आठ जज और एक वकील शामिल हैं। इनमें कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश ए.एस. ओका भी हैं, जो सभी HC के मुख्य न्यायाधीशों में सबसे वरिष्ठ मुख्य न्यायाधीश हैं। गुजरात के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ, सिक्किम के मुख्य न्यायाधीश जे.के. माहेश्वरी, तेलंगाना की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली भी इस लिस्ट में शामिल हैं। हिमा कोहली हाईकोर्ट की एकमात्र सेवारत महिला मुख्य न्यायाधीश भी हैं।
केरल हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति नागरत्ना, मद्रास HC के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी.टी. रवि कुमार, न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश, न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस नरसिंह का नाम सिफारिश में शामिल था। कॉलेजियम में सीजेआई के अलावा जस्टिस यू.यू. ललित, ए.एम. खानविलकर, डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की बैठक 17 अगस्त को हुई थी। 34 जजों की स्वीकृत संख्या में से अभी सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ 24 जज हैं। हालांकि नौ नए जजों की नियुक्ति के बाद भी एक सीट खाली रहेगी।