केंद्र ने मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में बदलावों की ख़बरों को किया ख़ारिज
नई दिल्ली : केंद्र ने सरकारी कर्मचारियों के लिए मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में संभावित बदलाव संबंधी मीडिया रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि इसकी समीक्षा के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति फिलहाल हितधारकों से परामर्श की प्रक्रिया में है। समिति ने अभी तक इसकी रिपोर्ट को अंतिम रूप नहीं दिया है।
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि सोमनाथन समिति संबंधित हितधारकों के साथ विचार-विमर्श की प्रक्रिया में है। यह समिति अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। वित्त मंत्रालय ने अप्रैल में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना की समीक्षा करने और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की मौजूदा रूपरेखा और संरचना में जरूरी बदलाव के बारे में सुझाव देने के लिए वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में यह समिति गठित की थी।
वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली इस समिति में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव, व्यय विभाग के विशेष सचिव और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन सदस्य के रूप में शामिल हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान विपक्ष शासित राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने ‘पुरानी पेंशन योजना’ (ओपीएस) लागू करने का फैसला किया है।
इन राज्यों ने ओपीएस लागू करने के अपने फैसले की जानकारी केंद्र सरकार को देने के साथ ही एनपीएस के तहत जमा धनराशि लौटाने का अनुरोध किया है। एनपीएस को जनवरी, 2004 के बाद केंद्र सरकार में शामिल होने वाले सशस्त्र बलों के कर्मचारियों को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किया गया है।