बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट की ओर से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को तगड़ा झटका लगा है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से पीएफआई को प्रतिबंधित किए जाने के फैसलो को चुनौती देते हुए उसके नेताओं ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
केंद्र सरकार ने यूएपीए की धारा 3 (1) के तहत शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसकी संबंधित इकाइयों को या संगठनों को पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंधित कर चुका है। केंद्र के फैसले के बाद कर्नाटक पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष नासिर पाशा ने फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसे अब हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
केरल महासचिव को किया था गिरफ्तार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए देश में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के केरल महासचिव सीए रऊफ को पिछले महीने गिरफ्तार किया था। एनआईए ने रऊफ को पलक्कड़ के पट्टांबी मेंस्थित उनके घर सेगिरफ्तार किया । इस मामले में रऊफ 13वें आरोपी हैं। केरल पीएफआई मामले में आरोपी रऊफ कई महीनों सेफरार था।
रऊफ पर वैकल्पिक न्याय प्रणाली के प्रचार का आरोप
रऊफ की गिरफ्तारी पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा था, उसे वैकल्पिक न्याय प्रणाली का प्रचार करते हुए पाया गया है, जो क्रिमिनल फोर्सेस को सही ठहराते हैं जिसकी वजह से लोगों में टेंशन और भय पैदा होता है, कमजोर युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंडएं सीरिया सहित आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। एजेंसी ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है।