भारत के पश्चिमी पड़ोस की स्थिति में अस्थिरता के बाद केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने खुफिया एजेंसियों और आतंकवाद विरोधी दस्ते के राज्य प्रमुखों की एक अंतर-राज्य समन्वय बैठक शुक्रवार को दिल्ली में बुलाई गई है. यह पहली बार है जब केंद्र प्रशासित दिल्ली पुलिस ने इस तरह की बैठक बुलाई है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि तालिबान ने अन्य आतंकी संगठनों और पाकिस्तान में राज्य के अभिनेताओं के समर्थन के बाद, अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया.बैठक से बेहतर समन्वय और किसी भी अप्रिय घटना के लिए पहले से तैयारी करने में मदद करेगी.
अधिकारी ने कहा, “बैठक का उद्देश्य खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान को अच्छा बनाना और बेहतर समन्वय बनाना है.” पहली बार इंटेलिजेंस ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, मिलिट्री इंटेलिजेंस और अन्य एजेंसियों जैसी खुफिया एजेंसियों की अंतर-राज्य समन्वय बैठक दिल्ली पुलिस मुख्यालय में बुलाई गई है. बैठक में अन्य राज्यों के 11 एटीएस प्रमुख और फील्ड ऑपरेशंस के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे.
आतंकियों के सीमा पार करने और देश में कुछ ‘बड़ा’ करने की योजना बनाने को लेकर खुफिया एजेंसियों को लगातार अलर्ट मिल रहे हैं. 15 अगस्त को, अफगानिस्तान में सरकार गिर गई और तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया. भारत पर नजर रखने वाले तालिबान के हमदर्द सक्रिय हो गए. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय खुफिया एजेंसियों के कर्मियों को पीओके क्षेत्र में सक्रिय अपने समकक्ष से जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में घुसपैठ करने की योजना बना रहे आतंकवादियों की आवाजाही के बारे में खुफिया रिपोर्ट मिली.
अगस्त के तीसरे सप्ताह के दौरान कंधार में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और तालिबान नेताओं के बीच एक बैठक के बारे में पता चलने के बाद सभी खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. बैठक में तालिबान नेताओं के एक समूह ने भाग लिया, जहां जैश ने ‘भारत-केंद्रित’ अभियानों में उनका समर्थन मांगा. सूत्र आगे बताते हैं कि बैठक में पाकिस्तान के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई.
सीमा पार आतंकियों में गठजोड़ की खबरें मिलने के बाद भारत की सुरक्षा एजेंसिंयों ने देश के जम्मू-कश्मीर इलाके में आतंकी हमलों को लेकर अलर्ट जारी किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक देश के सभी राज्यों की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के साथ इनपुट साझा किया गया है, ताकि आतंकियों के खतरनाक मंसूबों पर पानी फेरा जा सके और संभावित इन हमलों को नाकाम करने की तैयारी की जा सके.