नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने बजट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने मंगलवार को दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में उठाए गए मुद्दों की भी जानकारी दी। संदीप पाठक ने कहा कि इस बार का बजट बेहद निराशाजनक रहा है। इस बजट में सरकार ने ना तो रोजगार पर ध्यान दिया है, ना ही युवाओं और किसानों के लिए कुछ किया है। केंद्र सरकार ने इस बजट में दिल्ली और पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार किया है। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट से केंद्र सरकार का विजन साफ दिखाई दे रहा है। केंद्र सरकार छोटी मानसिकता के साथ काम कर रही है। आज सरकार को जगाने की जरूरत है। आप एक विशाल देश के प्रधानमंत्री हैं, इतने महान देश के पीएम होने के बाद इतनी छोटी विचारधारा से आप बजट बनाओगे तो देश आगे कैसे बढ़ेगा?
उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता जाहिर की गई। जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है। उनका शुगर लेवल बार-बार कम हो रहा है। उनका शुगर लेवल 50 से भी नीचे गिरता जा रहा है। इस तरीके से रात में शुगर लेवल कम होना किसी भी व्यक्ति की जान के लिए बहुत बड़ा खतरा है। इस पर एलजी चिट्ठी लिखकर कहते हैं कि आप यह नहीं खा रहे हैं, वह नहीं खा रहे हैं। एक इंसान की जान का सवाल है और आप इस तरह का घटिया मजाक कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन में शामिल विपक्ष के सभी नेताओं ने इस पर चिंता जाहिर की है और कहा कि अरविंद केजरीवाल की जान के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।
बजट पर संदीप पाठक ने कहा कि सरकार के इस बजट का कोई लक्ष्य नहीं है। आप 10 साल से सरकार चला रहे हो तो आपके पास एक रोडमैप तो होना चाहिए। आपको पता होना चाहिए कि किस क्षेत्र को बढ़ावा देना है। आज बेरोजगारी दर 7.2 से बढ़कर 9 प्रतिशत हो गई है। आपका कॉर्पोरेट मुनाफा तो बढ़ गया है, लेकिन रोजगार नहीं बढ़ पाया है। किसानों को एमएसपी की गारंटी तो बहुत दूर की बात है आपने फर्टिलाइजर की सब्सिडी में 36 फीसदी की कमी कर दी है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र से आपको कोई मतलब नहीं है। दिल्ली सरकार अपने बजट में 25 फीसदी शिक्षा पर खर्च करती है, वहीं केंद्र सरकार दो फीसदी से भी कम का बजट शिक्षा क्षेत्र को देती है।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत भी अन्य योजनाओं की तरह एक जुमला बनकर रह गया है। आयुष्मान भारत के लिए आप 7,000 करोड़ का बजट रखते हो। जबकि, अकेले दिल्ली सरकार का हेल्थ बजट 9,000 करोड़ रुपए है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और किसानों से इन्हें कोई मतलब नहीं है, इन्हें बस अपनी कुर्सी बचानी है। जो केंद्र सरकार के राजनीतिक दोस्त हैं, उन राज्यों को बजट में सबसे ऊपर रखा गया है। दिल्ली और पंजाब के साथ भेदभाव किया गया है क्योंकि यहां पर उनके साथियों की सरकार नहीं है।