नई दिल्ली : भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया और लोक सभा सांसद प्रवेश वर्मा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आरोप लगाया कि एक तरफ जहां केंद्र सरकार, भारतीय सेना, एलजी और एनडीआरएफ बाढ़ से त्रस्त दिल्ली की जनता की मदद करने में लगी है, दिल्ली के बाढ़ प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है, वहीं केजरीवाल और उनके मंत्री दोषारोपण करने में लगे हुए हैं।
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि दिल्ली बाढ़ की चपेट में आ चुकी है और यहां के नागरिकों को असुविधा हो रही है, जगह-जगह पानी जमा हुआ है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार, भारतीय सेना, दिल्ली के उपराज्यपाल और एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात एक कर जनता की सेवा में लगी हैं तो दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल की सरकार और उनके मंत्री हैं, जो दोषारोपण करने में लगे हैं। दिल्ली में जल संकट आया है और आम आदमी पार्टी के नेता व मंत्री बता रहे हैं कि गलती हरियाणा सरकार की है।
उन्होंने कहा कि काम करने की बजाय केजरीवाल के मंत्री षड्यंत्र रचने का आरोप लगा रहे हैं। भाटिया ने पूछा कि भारतीय सेना जो दिन रात दिल्ली की जनता की सेवा में लगी है वह षड्यंत्र कर रही है ? क्या एनडीआरएफ षड्यंत्र कर रहा है ? क्या जनता के लिए दिन-रात सुबह-शाम खड़े रहने वाले दिल्ली के उपराज्यपाल और केंद्र सरकार षड्यंत्र कर रहे हैं ? और शीशमहल में बैठकर जो एसी का आनंद ले रहे हैं, वह मुख्यमंत्री सही है ?
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आगे कहा कि पिछले 9 वर्षों में यमुना को साफ करने के लिए 6,800 करोड़ रुपये खर्च हुए। डिसिल्टिंग का काम, इरिगेशन डिपार्टमेंट के अंतर्गत आता है। तो केजरीवाल को यह बताना चाहिए कि वे यमुना की डिसिल्टिंग क्यों नही कर पाए? आज प्रदेश में सरकार आप की है, दिल्ली जल बोर्ड आप का है, एमसीडी भी आप का ही है, इसके बाद भी केजरीवाल और उनके मंत्री दूसरों पर दोषारोपण क्यों कर रहे हैं ?
भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने भी केजरीवाल सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार द्वारा तमाम मदद मिलने के बावजूद केजरीवाल केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब केजरीवाल को एनडीआरफ का धन्यवाद करना चाहिए, वह एनडीआरएफ पर दोषारोपण कर रहे हैं। ये कोई पहली बार नहीं है, इससे पहले केजरीवाल ने पुलवामा के दौरान भी भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों पर सवाल उठाया था और उनके मनोबल को गिराया था।