सीएम धामी के प्रदर्शन से केन्द्रीय नेतृत्व संतुष्ट
दस्तक टाइम्स ब्यूरो, देहरादून
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों-उप मुख्यमंत्रियों की बुलाई गई बैठक में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का विशेष प्रभाव देखने को मिला। पीएम मोदी सीएम धामी के सुशासन, सामाजिक न्याय व आर्थिक विकास के मॉडल से संतुष्ट नजर आए। विशेषकर यूनिफार्म सिविल कोड (यूसीसी) को लागू करने वाला पहला राज्य बनने की उपलब्धि पर सराहा। वहीं, बीते लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस का सफाया करने पर भी सीएम धामी की पीठ थपथपाई। दूसरी ओर केन्द्रीय नेतृत्व के साथ मुख्यमंत्रियों के फोटो सेशन में पीएम मोदी व गृहमंत्री अमित शाह के साथ बीच फ्रेम जिस तरह पुष्कर सिंह धामी को स्थान दिया गया, यह स्वयं में बहुत कुछ संकेत देता है। दरअसल, 27 जुलाई को नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह व भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में भाजपाशासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों व उप मुख्यमंत्रियों से अपने-अपने राज्यों में लोक कल्याणकारी कार्यों व केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति को जाना। बैठक में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, असम, मणिपुर के मुख्यमंत्री व बिहार, सहित कई अन्य राज्यों के उप मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया।
पीएम मोदी ने सभी भाजपाशासित राज्यों में शत-प्रतिशत प्रदर्शन पर जोर दिया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी को लागू करने, सतत विकास सूचकांक में पहला स्थान प्राप्त करने, पर्यटन व तीर्थाटन को आर्थिक समृद्धि का आधार बनाने सहित सुशासन पर केन्द्रित मॉडल को प्रस्तुत किया। सीएम धामी ने बताया कि उनकी सरकार अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के साथ ही पर्यावरणीय चिंताओं को दूर करने में भी क्रांतिकारी कदम उठा रही है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना भी प्राथमिकता में है। सरकार नवीनीकरणीय ऊर्जा को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रदर्शन से संतुष्ट नजर आए।
नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने रखी कई मांगें
नई दिल्ली में 27 जुलाई को हुई नीति आयोग की बैठक में भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के विकास को गति देने के लिए कई बड़ी मांगें रखीं। सीएम धामी ने नवीनीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन देने व ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में 25 मेगावाट से कम क्षमता वाली जलविद्युत परियोजनाओं के अनुमोदन का अधिकार राज्यों को सौंपने की पैरवी की, ताकि केन्द्रीय स्तर पर अनुमोदन की प्रतीक्षा में परियोजना में अनावश्यक विलंब न हो। वहीं, सीएम धामी ने जलस्रोतों, नदियों व धारों के पुनर्जीवन की परियोजना को केन्द्र से विशेष वित्तीय सहायता व तकनीकी सहयोग देने की मांग भी की। ये दोनों मांगें ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहन देने व जल आवश्यकता की पूर्ति हेतु महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा सीएम ने पीएम कृषि सिंचाई योजनाओं की गाइडलाइन में पंपिंग सिंचाई योजनाओं को भी शामिल करने का आग्रह किया। सीएम धामी ने उत्तराखंड सहित अन्य हिमालयी राज्यों के लिए विशेष नीति बनाने की मांग को मजबूती से उठाया। सीएम धामी ने कहा कि हिमालयी राज्यों की परिस्थिति अन्य राज्यों की तुलना में भिन्न होने के कारण यहां विशेष प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। सीएम की इस मांग का कई हिमालयी राज्यों ने भी समर्थन किया।
फोटो फ्रेम में सीएम धामी को मिला विशेष स्थान
बैठक के बाद जब पीएम मोदी व केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ सभी मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्रियों का फोटो सेशन चल रहा था, तब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दूसरी पंक्ति में पीएम मोदी व अमित शाह के मध्य में स्थान दिया गया। फोटो फ्रेम में पीएम मोदी व अमित शाह के मध्य में धामी का होना कई संकेत दे रहा था। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सीएम धामी को यह स्थान सोच-समझकर दिया गया, क्योंकि पीएम मोदी व अमित शाह कई अवसरों पर सीएम धामी की पीठ थपथपाते नजर आए हैं। वह धामी की कार्यशैली से प्रभावित रहे हैं।
बैठक में पहुंची ममता तो फिर उजागर हुए इंडिया गठबंध के साथ मतभेद
नीति आयोग की बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन राजनीतिक विरोध के कारण इंडिया गठबंधन ने सहयोगी पार्टियों के सीएम के बैठक में हिस्सा नहीं लेने की घोषणा की परंतु पश्चिम बंगाल की सीएम व टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी बैठक में हिस्सा लेने पहुंच गईं। इससे एक बार फिर जगजाहिर हो गया है कि ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के निर्णयों को मानने को बाध्य नहीं है, वह पूरी तरह स्वतंत्र हैं। हालांकि, बैठक में हिस्सा लेकर ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उन्हें अपनी बात रखने नहीं दिया गया। बीच में ही उनका माइक बंद कर दिया और वह बीच में ही बैठक छोड़कर बाहर चली आईं। इस पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ममता बनर्जी को सभी सीएम को दिए गए समय के समान बोलने का अवसर दिया गया।