24 का चक्रव्यूहः जौनपुर में बसपा के बाहरी मुद्दे से रोचक हुई लड़ाई, धनंजय की रिहाई से बदले समीकरण!
लखनऊः जौनपुर संसदीय सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला होने के आसार हैं। पिछले चुनाव में बसपा ने सपा से गठजोड़ के बाद इस सीट को जीता था। इस बार पार्टी ने अपने सांसद का टिकट काटकर पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। पहले धनंजय को ही टिकट मिलना था लेकिन अदालत से सजा मिलने के बाद उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग गई। धनंजय जेल में थे तो श्रीकला को चुनाव प्रबंधन में दिक्कत आ रही थी लेकिन जमानत पर उनकी रिहाई के बाद अब यहां के समीकरण बदले हैं। माना जा रहा है कि अब बसपा मुकाबले को आसानी से त्रिकोणीय बना ले जाएगी। पार्टी यहां स्थानीय बनाम बाहरी पर आकर टिक गई है। भाजपा ने जौनपुर निवासी कृपा शंकर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वर्षों से वे मुंबई में ही राजनीति कर रहे थे। इसी तरह सपा से पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को उतारा है। वे भी जौनपुर के निवासी नहीं हैं। ऐसे में बसपा इसे भुनाने में लगी हुई है। धनंजय के आने से बसपा का प्रचार भी तेज हो गया है।
जमानत के बाद भी लोस चुनाव नहीं लड़ सकेंगे धनंजय सिंह
जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने से राहत तो मिल गई है, लेकिन वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। कोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर करते हुए उन्हें जेल से रिहा करने का आदेश दे दिया। लेकिन बाहुबली को मिली सात साल की सजा पर रोक नहीं लगाई। ऐसे में धनंजय सिंह चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। धनंजय सिंह यूपी की जौनपुर के जिस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, वहां नामांकन शुरू हो गया है। छठवें चरण में मतदान है। चुनाव लड़ने के लिए धनंजय के पास अब सीमित विकल्प ही मौजूद हैं। वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं अथवा यहीं पर अपील दाखिल कर सकते हैं। हालांकि दाखिल अर्जियों पर उन्हें जल्द सुनवाई के लिए गुहार लगानी होगी।
अपहरण से जुड़े एक मामले में धनंजय सिंह को हुई 7 साल की जेल
गौरतलब हो कि नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण से जुड़े एक मामले में जौनपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने इसी वर्ष छह मार्च को धनंजय सिंह को दोषी करार देते हुए उन्हें सात साल की सजा सुनाई थी। इसी कारण उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग गई थी। धनंजय सिंह ने जौनपुर को स्पेशल कोर्ट से मिली सजा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।
चुनाव प्रभावित करने की आशंका के चलते बरेली जेल किया गया शिफ्ट
पूर्वांचल के बाहुबली व पूर्व सांसद धनंजय सिंह को शनिवार को जौनपुर जेल से बरेली सेंट्रल जेल में शनिवार को शिफ्ट कर दिया गया। जौनपुर से भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ बरेली पहुंचे पूर्व सांसद के पीछे दर्जनों समर्थक भी थे। यहां सेंट्रल जेल पर भी पहले से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। पूर्व सांसद को मीडिया कर्मियों से भी बातचीत नहीं करने दी गई। धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला जौनपुर से बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं। कई लोगों ने जौनपुर जेल में रहते हुए धनंजय सिंह के चुनाव प्रभावित करने की आशंका जताई थी। इसके बाद धनंजय को जौनपुर से बरेली जेल में शिफ्ट कर दिया। शाम करीब साढ़े छह बजे भारी सुरक्षा के बीच एंबुलेंस से यहां पहुंचे पूर्व सांसद को कई दिन से बुखार पीड़ित बताया जा रहा है। सेंट्रल जेल पर इस दौरान इज्जतनगर पुलिस के अलावा भारी पुलिस बल तैनात रहा। धनंजय सिंह के खिलाफ अलग-अलग थानों में 41 मुकदमे दर्ज थे जिनमें से 31 मुकदमों में अदालत उसे बरी कर चुकी है। 10 मुकदमे विचाराधीन हैं। इनमें से आठ मुकदमे जौनपुर में ही चल रहे हैं। एक दिल्ली के थाना चाणक्यपुरी और एक लखनऊ के थाना विभूति खंड में भी दर्ज है।