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शांत हुई चंबल, खतरे के निशान से नीचे आई, ग्रामीणों व प्रशासन ने ली राहत की सांस

मुरैना। पांच दिन तक विकराल रूप धारण (take a formidable form) करने के बाद चंबल नदी (Chambal River) अब शांत हो गई है। कोटा बैराज (Kota Barrage) से चंबल नदी में पानी का डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा है। जिसका नतीजा चंबल के जल स्तर पर भी देखने को मिला है। शनिवार की शाम को चंबल का जल स्तर (water level) राजघाट पुल पर 136 मीटर था, जो खतरे के निशान से भी दो मीटर कम है। माना जा रहा है कि रविवार तक यह 132 मीटर पर पहुंच जाएगी।

उधर चंबल का पानी उतरने पर ग्रामीणों ने तो राहत की सांस ली है साथ ही प्रशासनिक अमले को भी चैन मिला है। हालांकि प्रशासन की असली परीक्षा अब है। क्योंकि जिन गांवों में बाढ़ का पानी पहुंचा था वहां ग्रामीणों के सामने भोजन व पशु चारे का संकट खड़ा हो गया है। बाढ़ ने लोगों के घर में रखे अनाज को तो नष्ट किया ही साथ ही चारे को भी पूरी तरह खराब कर दिया। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित गांवों में बीमारी फैलने का भी खतरा बढ़ गया है।

पांच दिन तक तबाही मचाने वाली चंबल नदी अब खामोश हो गई है। मालवा क्षेत्र में बारिश थमने एवं कोटा बैराज से नदी में पानी नहीं छोडऩे की वजह से चंबल का जल स्तर लगातार कम हो रहा है। शुक्रवार की रात दस बजे चंबल का जल स्तर 142 मीटर के करीब था वहीं आज शनिवार को शाम चार बजे यह 136 मीटर तक आ गया। अनुमान लगाया जा रहा है कि रविवार को यह 132 मीटर के आसपास पहुंच जाएगा। उधर चंबल नदी में पानी कम होने से लोगों ने राहत महसूस तो की है लेकिन अब उनके सामने कई तरह की परेशानियां भी खड़ी हो गईं हैं।

दरअसल जब चंबल में पानी चढ़ा था तब कई ग्रामीण अपना सामान वहीं छोड़कर आनन-फानन में चले गए थे। लेकिन अब पानी उतरने पर जब वह अपने घरों पर पहुंचे तो ना तो अनाज ही सही बचा और ना ही अन्य सामान। यहां तक ओढऩे बिछाने के कपड़े तक खराब हो गए हैं। लोग कपड़ों को अब उन्हें छत पर सुखा रहे हैं। फिलहाल अपने घरों की ओर लौटे ग्रामीण पूरी तरह सरकारी मदद पर निर्भर हैं। उधर जिन गांवों में बाढ़ का कहर बरपा था वहां अब बीमारी ने पैर पसारने प्रारंभ कर दिए हैं। ग्रामीण बुखार, उल्टी, दस्त, खांसी से पीडि़त हो रहे हैं। पोरसा क्षेत्र के बगियापुरा में तो कई ग्रामीण बीते दिवस बीमार हो गए थे।

केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
केन्द्रीय नागरिक उडडयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश के जल संसाधन मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट, राजस्व और परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के साथ शनिवार को अंबाह क्षेत्र के बीलपुर-कुथियाना, पोरसा के रायपुर खुर्द और भूप सिंह पुरा के बाढ़ प्रभावित लोगों से चर्चा की।

उन्होंने बाढ़ पीडि़तों को ढ़ांढस बंधाते हुये कहा कि घबराने की बात नहीं है। इस संकट की घड़ी में सरकार आपके साथ है। बाढ़ से प्रभावित हर व्यक्ति को हर संभव सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हर पीडि़त व्यक्ति को मकान की क्षति, घर गृहस्थी खत्म होने, पशुहानि होने, खेतों में पानी भरने से, खराब हुई फसल का मुआवजा दिलाने और सभी को उंचे स्थानों पर आवास बनाकर देने के निर्देश जिला प्रशासन को दिये हैं।

गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार की दोपहर हैलीकाप्टर से श्योपुर होते हुए मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील में पहुंचे थे। यहां बाढ़ प्रभावितों से मुलाकात करने के बाद अंबाह व पोरसा में बाढ़ पीडि़तों से मिले। इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह भी मौजूद थे।

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