![कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करते हुए झारखंड के सीएम चंपाई सोरेन व विधायक](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2024/02/सीएम-सोरेन.jpeg)
दस्तक टाइम्स, देहरादून। आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन की सहयोगी पार्टियां जातीय जनगणना को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में लगी हैं। इसी कड़ी में अब झारखंड में भी मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने जातीय जनगणना को मंजूरी दे दी है। अब शासन स्तर पर जातीय जनगणना की एसओपी व प्रस्ताव तैयार होने के बाद इसे कैबिनेट मीटिंग में पास कराया जाएगा। चंपाई सरकार ने लोकसभा चुनाव के बाद झारखंड में जातीय जनगणना शुरू कराने का लक्ष्य रखा है।
पहले कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से मुलाकात, फिर सीएम चंपाई का ऐलान
दरअसल, आज झारखंड के सीएम चंपाई सोरेन ने दोपहर नई दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की। वैसे तो इस मुलाकात का कारण झारखंड में कांग्रेस विधायकों के असंतोष को बताया जा रहा था, लेकिन इस मुलाकात के कुछ ही मिनट बाद सीएम चंपाई सोरेन ने एक्स पर जातीय जनगणना को मंजूरी देने की जानकारी दी। इससे माना जा रहा है कि सीएम चंपाई सोरेन ने घोषणा से पहले सरकार में सहयोगी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष खरगे को इसकी जानकारी दी और खरगे से हरी झंडी मिलने के बाद सीएम चंपाई ने यह घोषणा की।
हेमंत सोरेन व कांग्रेस की क्या है रणनीति ?
चंपाई सरकार के इस फैसले के बाद एक बार फिर साफ हो गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा व कांग्रेस जातीय जनगणना का मुद्दा उठाकर आदिवासी, दलित व पिछड़े वर्ग का समर्थन हासिल करने की कोशिश करेंगे। झामुमो व कांग्रेस को उम्मीद है कि इस मुद्दे के सहारे मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा को मात दी जा सकती है। वहीं, झामुमो सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर भी सहानुभूति लेने की कोशिश होगी। गिरफ्तारी को लेकर भी भाजपा को आदिवासी विरोधी बताते हुए घेरा जाएगा। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए आगामी चुनाव में अपनी रणनीति के संकेत भी दे दिए थे। वहीं, भाजपा हेमंत सोरेन को कथित जमीन खरीद फर्जीवाड़े को लेकर घेरती आ रही है।
बिहार में नीतीश की पलटी के बाद ठंडा पड़ा था मुद्दा
वैसे तो इंडिया गठबंधन की पार्टियों ने सबसे पहले बिहार में जातीय जनगणना कराई थी, लेकिन बीते दिनों बिहार की महागठबंधन सरकार के मुखिया सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बना दी है। इससे आरजेडी व कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में आ गए हैं। अब आरजेडी व कांग्रेस जातीय जनगणना का खुलकर श्रेय नहीं ले पा रहे हैं, क्योंकि उस सरकार में मुख्यमंत्री रहे नीतीश बीजेपी के साथ हैं। ऐसे में कांग्रेस ने झारखंड में जातीय जनगणना कराने की योजना बनाई, ताकि झारखंड का उदाहरण देते हुए वह इसे राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा बना सके। हालांकि, इसमें इंडिया गठबंधन कितना सफल होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।