
नई दिल्ली: भारत में हाल ही में लागू की गई नई कर व्यवस्था ‘जीएसटी 2.0’ का ऑटोमोबाइल सेक्टर पर मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ करों में कटौती से पेट्रोल और डीजल गाड़ियों की कीमतों में कमी आई है और वाहन उद्योग को फायदा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ इसका सीधा नुकसान इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार को उठाना पड़ा है। इक्विरस सिक्योरिटीज की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर 2025 में भारत के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार की रफ्तार धीमी पड़ गई है। जीएसटी कम होने के बाद पेट्रोल-डीजल वाहनों के दाम घटने से ग्राहकों का रुझान वापस पारंपरिक ईंधन वाली गाड़ियों की तरफ बढ़ा है, जिससे ईवी की बाजार हिस्सेदारी में गिरावट दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि कार सेगमेंट में इलेक्ट्रिक वाहनों को सबसे ज्यादा चुनौती मिली है। हालांकि नवंबर में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 63% बढ़कर 14,700 यूनिट तक पहुंची, लेकिन कुल वाहन बाजार में इसकी हिस्सेदारी 5% से घटकर अब मात्र 3.7% रह गई है। इसका मुख्य कारण यह है कि जीएसटी 2.0 के बाद सस्ती हुई पेट्रोल-डीजल कारों की तरफ खरीदार ज्यादा आकर्षित हुए हैं। ब्रांड्स की बात करें तो टाटा मोटर्स अभी भी 41% हिस्सेदारी के साथ पहले नंबर पर है, लेकिन उसका शेयर 49% से नीचे गिरा है। वहीं, महिंद्रा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी हिस्सेदारी 6% से बढ़ाकर 20% कर ली है, जबकि एमजी 25% शेयर के साथ दूसरे स्थान पर बनी हुई है।
दोपहिया वाहनों के बाजार में भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की चमक फीकी पड़ी है। नवंबर में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की बिक्री में 3% की गिरावट आई और यह 1.17 लाख यूनिट रह गई। कुल बाजार में इनकी हिस्सेदारी 7% से गिरकर 4.6% पर आ गई है। जीएसटी कटौती के बाद पेट्रोल टू-व्हीलर्स की मांग में भारी उछाल और ईवी की सप्लाई में कुछ कमी को इसका जिम्मेदार माना जा रहा है। इस सुस्त बाजार में टीवीएस मोटर ने अपने नए ‘ऑर्बिटर’ स्कूटर के दम पर बाजी मार ली है और 26% मार्केट शेयर के साथ नंबर वन बन गई है। बजाज दूसरे नंबर पर रही, जबकि कभी मार्केट लीडर रहे ओला और एथर एनर्जी की हिस्सेदारी में गिरावट देखने को मिली है।
इन सबके बीच इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर सेगमेंट ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र रहा जिसने मजबूती दिखाई है। अक्टूबर में हल्की गिरावट के बाद नवंबर में इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर की बाजार हिस्सेदारी वापस 62% के उच्च स्तर पर पहुंच गई। इलेक्ट्रिक ऑटो की बिक्री 28% बढ़कर 23,400 यूनिट हो गई। इस सेगमेंट में महिंद्रा का दबदबा कायम है, जिसने 46% मार्केट शेयर पर कब्जा जमा लिया है। नए मॉडल्स और मजबूत डीलर नेटवर्क के चलते महिंद्रा ने पियाजियो जैसे प्रतिद्वंद्वियों को काफी पीछे छोड़ दिया है। पियाजियो का शेयर एक साल में 13% से गिरकर मात्र 6% रह गया है।



