देश के आकांक्षी जिलों की रैंकिंग में छतरपुर को दूसरा स्थान मिला
छतरपुर : स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन और कौशल विकास के क्षेत्र में छतरपुर तेजी से आगे बढ़ रहा है। नीति आयोग ने पांच जुलाई को देशभर के 112 आकांक्षी जिलों की रैंकिंग जारी की है, जिसमें छतरपुर को दूसरा स्थान दिया है। पहले स्थान पर बिहार राज्य का गया जिला है। छतरपुर जिले को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए प्रशासन ने कार्ययोजना तैयार की है। युवाओं को कौशल विकास में प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे बेरोजगार नहीं रहें। साथ ही जिले के स्कूलों में बेहतर शिक्षा के साथ-साथ बिजली और मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा।
नीति आयोग ने जनवरी 2018 में देशभर के 112 जिलों को आकांक्षी जिलों के रूप में चिन्हित किए हैं। यह अति पिछड़े जिलों में आते हैं। जिलों में विकास के लिए नीति आयोग ने निर्धारित मानक तय किए हैं। इन मानकों पर काम की समीक्षा और निगरानी की जाती है। नीति आयोग ने छतरपुर को निर्धारित मानकों पर कार्य करने पर पूरे देश में विकास के क्षेत्र में दूसरा स्थान दिया है। पहले स्थान पर बिहार का गया जिला, तीसरे पर राजस्थान का बरन जिला, चौथे पर छत्तीसगढ; का उत्तर बस्तर कांकेर, पांचवें पर बिहार का बांका जिला है।
नीति आयोग ने मानकों पर काम करने पर हमारे जिले को अच्छे नंबर दिए हैं। मई माह में छतरपुर को स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदर्शन 70.2, शिक्षा में 66.3, कृषि और जल संसाधन में 10.1, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास से 30.6 अंक मिले हैं। बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में छतरपुर को 63.3 अंक मिले हैं। वित्तीय समावेशन और कौशल विकास में प्रदर्शन खराब रहा है। पहले 31.3 अंक मिले थे, जो इस बार कम हुए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ है।
नीति आयोग की ओर से छतरपर को देशभर में दूसरे स्थान पर रखे जाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर बधाई दी है। पांच जुलाई को नीति आयोग ने अपने अधिकृत टि्वटर हैंडल से ट्वीट कर देशभर के पांच जिलों की रैंकिंग जारी की गई थी। मुख्यमंत्री कार्यालय से इसी नीति आयोग के ट्वीट को री-ट्वीट कर छतरपुर जिले के प्रशासन को बधाई दी गई है।
छतरपुर में नीति आयोग की नोडल अधिकारी स्मृति गुप्ता ने बताया कि जिले के लिए आयोग से बजट भी मिलेगा, ताकि विकास के कार्यों के सही क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना बनाई जा सकेगी। जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के लिए योजना बनाई जा रही है। गर्भवती महिलाओं को बेहतर देखभाल के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। कुपोषण को मिटाने के लिए काम किया जाएगा। स्कूलों में शौचालय, बिजली की सुविधा दी जाएगी। सुविधाओं की जांच के लिए सीएसी, बीआरसी निरीक्षण करेंगे। साथ ही युवाओं को दक्ष करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से आइटी का कार्यक्रम तैयार करवाया जा रहा है। शिक्षकों में क्षमता का निर्माण करने प्रशिक्षण दिलाएंगे।