छत्तीसगढ़राज्य

देश के 77 प्रतिशत लघु वनोपजों की खरीदी कर छत्तीसगढ़ ने रचा कीर्तिमान

रायपुर: वन एवं जलवायु परिवर्तन, आवास एवं पर्यावरण, परिवहन तथा विधि-विधायी मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपने विभागों से संबंधित 2 हजार 959 करोड़ रूपए की प्रस्तुत अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित की गई। इनमें न्याय प्रशासन एवं निर्वाचन के लिए 459 करोड़ 95 लाख रूपए, परिवहन विभाग के लिए 105 करोड़ 8 लाख रूपए, आवास एवं पर्यावरण विभाग के लिए 579 करोड़ 15 लाख रूपए और वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लिए 01 हजार 814 करोड़ 91 लाख रूपए की राशि शामिल है।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री अकबर द्वारा विधानसभा में आज अपने विभागों के प्रस्तुत अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का 44.24 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्रफल वनों से आच्छादित है। भारतीय वन संरक्षण संस्थान के प्रतिवेदन वर्ष 2021 के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य वन आवरण की दृष्टि से देश में तीसरे स्थान पर है। यहां मुख्यत: आर्द्र एवं शुष्क साल और सौगोन प्रजाति के वनों के साथ ही साथ शुष्क मिश्रित वन एवं बांस के वन भी उपलब्ध हैं। प्रदेश में हमारी सरकार न केवल पर्यावरण को बचाने बल्कि प्रदेश के आदिवासी-वनवासियों की चिंता करते हुए उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए सतत् प्रयत्नशील है।

मंत्री अकबर ने कहा कि राज्य में वनों के संरक्षण, संवर्धन तथा उसके विकास पर विशेष जोर दिया गया है। साथ ही इसमें स्थानीय वनवासियों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा तथा उनके आय के साधन में वृद्धि के लिए पूरा-पूरा ध्यान रखा गया है। प्रदेश में वर्ष 2018-19 में तत्कालीन सरकार द्वारा मात्र 07 वनोपजों का भारत सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर क्रय किया जाता था। राज्य सरकार द्वारा इसे बढ़ाकर वर्तमान में 65 लघु वनोपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की गई है। इसके परिणाम स्वरूप कोविड काल में भी छत्तीसगढ़ राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पूरे देश का 77 प्रतिशत लघु वनोपज खरीद कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। राज्य में वर्ष 2020-21 के अंतर्गत अब तक 158 करोड़ रूपए मूल्य के वनोपज का संग्रहण किया गया है। इसके फलस्वरूप छत्तीसगढ़ को 11 विभिन्न राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजा गया है।

मंत्री अकबर ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में परिवहन विभाग के अंतर्गत अवैध परिवहन की रोकथाम और सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण तथा सुगम यातायात व्यवस्था आदि के लिए आवश्यक प्रावधान रखा गया है। परिवहन विभाग द्वारा जनहित में संचालित तुंहर सरकार तुंहर द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत आम जनता को स्मार्ट कार्ड आधारित ड्रायविंग लायसेंस एवं वाहनों के पंजीयन प्रमाण पत्र संबंधी 22 सेवाओं का लाभ आवेदकों को घर बैठे पहुंचाया जा रहा है। गौरतलब है कि परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 में अब तक 955 करोड़ रूपए से अधिक राशि का राजस्व अर्जित किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नवा रायपुर अटल नगर को लोगों की उम्मीदों के अनुरूप तेजी से विकास के लिए पर्याप्त प्रावधान रखा गया है।

मंत्री अकबर ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार के लिए उच्च तकनीक और बेहतर प्रबंधन को विकसित करने तथा क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में चिमनी उत्सर्जन पर 24ग्7 निगरानी रखने के लिए 17 प्रकार के वायु प्रदूषणकारी प्रकृति के सभी उद्योगों में आॅनलाईन इमीशन मॉनिटरिंग सिस्टम की स्थापना कराई गई है। इसी तरह राष्ट्रीय परिवेशीय वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग प्रोग्राम के तहत 18 स्थलों (रायपुर-6, भिलाई-4, कोरबा-4, बिलासपुर-1 एवं रायगढ़-3) में परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन का कार्य हो रहा है। इसी तरह पर्यावरण संरक्षण के अधिनियमों एवं नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए मंडल के संगठनात्मक ढांचे में विस्तार किए जाने की कार्यवाही की जा रही है।

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