रायपुर: राज्यपाल अनुसुईया उइके ने सोमवार से प्रारंभ हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा के 13वें सत्र में सदन मे सदस्यों को संबोधित करते हुए अपने अभिभाषण मे कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य जनहितकारी विकास के लिए देश और दुनिया में अलग पहचान बनाने में सफल हुआ है। मैं कामना करती हूं कि आप लोग इसी तरह छत्तीसगढ़ की यश-पताका को ऊंचा उठाए रखेंगे।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि मुझे खुशी है कि माननीय सदस्य के रूप में आप लोगों ने इस सदन की गौरवशाली परंपराओं का निर्वाह किया है। लोकतंत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जनहित तथा प्रदेशहित के प्रति आपका समर्पण अनुकरणीय रहा है। यही वजह है कि हमारा छत्तीसगढ़ राज्य जनहितकारी विकास के लिए देश और दुनिया में अलग पहचान बनाने में सफल हुआ है। मैं कामना करती हूं कि आप लोग इसी तरह छत्तीसगढ़ की यश-पताका को ऊंचा उठाए रखेंगे। बहुत खुशी हो रही है कि स्थानीय संसाधनों और जनता के आत्मगौरव के प्रति मेरी सरकार के बेहद संवेदनशील व्यवहार को भरपूर सराहना मिल रही है। समावेशी विकास का छत्तीसगढ़ माडल बहुत सफल रहा है। मैं चाहती हूं कि आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के साथ ही प्रदेश के समग्र विकास में आई तेजी का सिलसिला लगातार जारी रहे और इसमें आप सबका भरपूर सहयोग मिले।
वास्तव में किसानों, वन आश्रितों और मजदूरों की सरकार है, जिनके आत्म-सम्मान के लिए आय और भागीदारी बढ़ाने की रणनीति अपनाई गई है। खेती के प्रति लोगों का रुझान लौटना अपने आप में बड़ी सफलता मानी जा रही है। खरीफ वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में अब तक का सबसे बड़ा कीर्तिमान बना है, जिसके अनुसार इस वर्ष लगभग 21 लाख 77 हजार किसानों ने 97 लाख 98 हजार मीट्रिक टन धान बेचा है। किसानों की सुविधाएं और आय बढ़ाने के लिए सरकार ने इस वर्ष 173 नवीन धान खरीदी केन्द्र खोले। समर्थन मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया गया। धान के साथ ही अन्य खरीफ फसलों को भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ लगातार दिया जा रहा है। इसमें उद्यानिकी तथा लघु धान्य फसलों को भी शामिल किया गया है।
किसानों को ब्याजमुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष 5 हजार 900 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अभी तक 85 प्रतिशत राशि दी जा चुकी है। लगभग 6 दशक बाद प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का पुनर्गठन किया गया है, जिससे 725 नवीन समितियां भी कृषि ऋण वितरण व अन्य योजनाओं के संचालन में सहयोग दे रही हैं। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में प्रथम एथेनाल प्लांट की स्थापना हेतु एमओयू के तहत कार्य प्रगति पर है, वहीं अतिशेष धान से भी एथेनाल उत्पादन के लिए काफी गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं ताकि धान के बम्पर उत्पादन का बेहतर उपयोग किया जा सके। ्रसरकार के इन उपायों से किसान परिवारों का मनोबल और उत्साह बढ़ा है।