छत्तीसगढ़राज्य

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक से राज्य की सांस्कृतिक समृद्धि को सहेजने-संवारने में मिल रही मदद : मुख्यमंत्री बघेल

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज रायपुर के सरदार बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के समापन समारोह में शामिल हुए। रायपुर के चार खेल मैदानों में पिछले तीन दिनों से छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के राज्य स्तरीय मुकाबले चल रहे थे। इसमें राज्यभर के खिलाड़ियों ने 16 खेलों में अपनी प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समापन समारोह में विजेता टीमों और खिलाड़ियों को पुरस्कार प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने समारोह में छत्तीसगढ़ की पहली टेनिस अकादमी का लोकार्पण भी किया। रायपुर के लाभांडी में चार एकड़ में करीब 18 करोड़ रुपए की लागत से यह अकादमी बनाई गई है। संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन और रायपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा भी समारोह में शामिल हुईं।

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इसके आयोजन से प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि को सहेजने और संवारने में मदद मिल रही है। यहां हरेली में खेलों की बहुत सुंदर परंपरा थी जो विलुप्त होती जा रही थी। अब इसे छत्तीसगढ़िया ओलंपिक से जोड़ दिया गया है। इससे जो उत्साह पनपा है उससे प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि का संवर्धन हो रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में इस वर्ष हरेली त्योहार के दिन 17 जुलाई को छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत की गई थी।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम में खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और खेल प्रेमियों को लगातार दूसरे वर्ष छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के शानदार आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के माध्यम से खेलबो जीतबो-गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करते हुए हमने राज्य के पारंपरिक खेलों को जीवंत करने का काम किया है। श्री बघेल ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में हमने राज्य में खेल अधोसंरचनाओं और खेल सुविधाओं के विकास के लिए लगातार काम किए हैं। राज्य में छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है ताकि खेलों की समुचित अधोसंरचना खिलाड़ियों को उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में प्रदेश में केवल दो गैर आवासीय खेल अकादमी थे। अब इनकी संख्या आठ हो गई है। साथ ही आठ नई अकादमी प्रस्तावित भी हैं।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि बिलासपुर में हॉकी, तीरंदाजी और एथलेटिक एकेडमी आरंभ की गई हैं। रायपुर में तीरंदाजी की आवासीय अकादमी शुरू की गई है। नारायणपुर में मलखम्भ अकादमी बना रहे हैं। क्याकिंग और कैनोइंग अकादमी जगदलपुर में आरंभ की गई है, ताकि इन खेलों को भी बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 24 नए खेलो इंडिया सेंटर आरंभ होंगे। इनका प्रस्ताव हमने भारतीय खेल प्राधिकरण को भेजा था। इसके माध्यम से खेल प्रतिभाओं को और भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आज इस मंच से हमने छत्तीसगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल अधोसंरचनाओं के विकास में एक और अध्याय जोड़ा है। लाभाण्डी में नवनिर्मित टेनिस अकादमी के प्रशासनिक भवन और छात्रावास को आज राज्य के लोगों को समर्पित किया है। जल्द ही यहां टेनिस की विश्वस्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी और टेनिस अकादमी के माध्यम से खिलाड़ियों के सुनहरे भविष्य का निर्माण होगा। रोड सेफ्टी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट प्रतियोगिता जैसे अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों से भी हमने राज्य में खेलों के प्रति उत्साह बढ़ाने का काम किया है।

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के राज्य स्तरीय आयोजन में प्रदेशभर के 1906 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इस वर्ष 16 पारंपरिक खेलों गिल्ली डंडा, पिठूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बांटी, बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सीकूद एवं कुश्ती का आयोजन किया गया। फुगड़ी में भाग लेने वाले दुर्ग के छह साल के गगन नेताम छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में भाग लेने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे। वहीं बांटी में हिस्सा लेने वाली बेमेतरा की 61 वर्ष की श्रीमती सेवती बाई सर्वाधिक उम्र की खिलाड़ी थीं। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान के प्रत्येक विजेता प्रतिभागी को 5 हजार रुपए, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रत्येक प्रतिभागी को साढ़े चार हजार रुपए और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रत्येक प्रतिभागी को चार हजार रुपए की पुरस्कार राशि और प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव श्री नीलम नामदेव एक्का, संचालक श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा और विभाग के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी राज्य स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के समापन समारोह में मौजूद थे।

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