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मुख्यमंत्री चौहान ने किया “1857 की क्रांति और नीमच” पुस्तक का विमोचन

भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष में आज “अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति और नीमच” पुस्तक का विमोचन किया।मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे के अनुसार डॉ. सुरेंद्र शक्तावत द्वारा लिखित पुस्तक क्षेत्रीय इतिहास का महत्वपूर्ण दस्तावेज है। वर्ष 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में नीमच के क्रांतिकारियों की विशिष्ट भूमिका रही। मध्यप्रदेश में सर्वप्रथम क्रांति का सूत्रपात नीमच की लाल माटी से 3 जून 1857 को मोहम्मद अली बेग ने किया था।

क्रांतिवीर अलीबेग नीमच से विजय पताका लेकर चित्तौड़ बनेड़ा नसीराबाद देवली होते हुए आगरा पहुँचे, जहाँ अंग्रेजों पर विजय प्राप्त की। प्रस्तुत ग्रंथ में अंग्रेजों की क्रूरता का प्रतीक भूमिया खेड़ी का अग्निकांड, निंबाहेड़ा के निर्दोष पटेल ताराचंद की हत्या और तात्या की फाँसी पर अंग्रेजी न्याय की स्व-प्रमाणित पोल खोलने का प्रयत्न कर लेखक ने सिद्ध किया है कि नीमच की क्रांति केवल सैन्य विद्रोह न होकर जनक्रांति थी, जिसमें स्थानीय जन-समुदाय की भी भागीदारी रही।

पुस्तक के लेखक डॉ. सुरेंद्र शक्तावत इतिहास संकलन समिति नीमच के संयोजक तथा नीमच जिला पुरातत्व संघ के सदस्य हैं। शक्तावत बालकवि बैरागी महाविद्यालय कनावटी के प्राचार्य हैं। डॉ. शक्तावत ने ग्राम गाथा पिपलिया रावजी, इतिहास की नजर में नीमच जिले के स्वतंत्रता सेनानी, मालवा का लोकनाट्य माच और अन्य विधाएँ, मालवा की चित्रकला आदि पुस्तकें लिखी हैं।

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