बेरोजगारों को परीक्षा शुल्क के बोझ से बचाने और विभागों से लाभ दिलवाने के कार्य तेजी से करें पूर्ण : मुख्यमंत्री चौहान
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बेरोजगार युवकों पर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए वन टाइम परीक्षा शुल्क लेने का फैसला उन्हें आर्थिक बोझ से बचाना है। कर्मचारी चयन बोर्ड से इस वर्ष अलग-अलग शासकीय विभागों में विभिन्न पदों की भर्ती के लिए प्रक्रिया अपनाई जा रही है। आवेदकों को वन टाइम परीक्षा शुल्क और रजिस्ट्रेशन की सुविधा मिलने से परेशानी से भी निजात मिलेगी। इसका लाभ देने के लिए आवश्यक तैयारी कर ली गई है। सामान्य प्रशासन और अन्य विभाग, बेरोजगारों के हित में इस निर्णय के क्रियान्वयन का उन्हें लाभ देने के साथ ही अन्य प्रावधानों का भी लाभ प्रदान करें। मुख्यमंत्री चौहान गत 23 मार्च को हुई युवा महापंचायत की घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे। समत्व भवन में हुई इस बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग के साथ तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार, उच्च शिक्षा, वित्त, चिकित्सा शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, पर्यावरण और खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मंत्री गण सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कौशल कमाई योजना में लर्न एंड अर्न के मॉडल पर एक लाख युवाओं को इस वर्ष अप्रेंटिसशिप में प्रतिमाह 8 हजार रूपए की राशि एवं सर्टिफिकेशन का लाभ दिया जाना है। इसके लिए तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के साथ उद्योगों की ओर से भी ऐसे प्रयास हों, जिससे योजना के फायदे से युवा अवगत हों। भोपाल के अलावा ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में नए ग्लोबल स्किल पार्क बनाने से जुड़े कार्यों को भी समय पर पूरा करने का लक्ष्य रख कर कार्य किया जाए। युवाओं को जापान और जर्मनी जैसे देशों में सेवाएँ देने के योग्य बनाने के लिए भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम को भी गति दी जाए। वर्तमान में इग्नू के 37 अध्ययन केन्द्र महाविद्यालयों में संचालित हैं, जो जर्मन एवं जापानी भाषा सिखाने का कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 6वीं से 12वीं तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नीट के माध्यम से एमबीबीएस और बीडीएस की पढ़ाई के लिए कॉलेजों में 5 प्रतिशत सीटें रिजर्व रखने की घोषणा क्रांतिकारी है। हॉरिजॉन्टल आरक्षण प्रदान करने के संबंध में आवश्यक वैधानिक प्रावधान करने की पहल हुई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस दिशा में प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।
मुख्यमंत्री चौहान ने आगामी वर्ष में युवा बजट बनाए जाने के निर्णय के संदर्भ में निर्देश दिए कि अभी से यह समीक्षा की जाए कि युवा कल्याण पर किन-किन योजनाओं में राशि आवंटित कर कौन से कार्य सम्पन्न किए गए हैं। इसके लिए वित्त विभाग आवश्यक एक्सरसाइज पूर्ण कर लें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि युवाओं को राज्य और जिला स्तर पर युवा सलाहकार परिषद में शामिल कर युवा नीति को लागू किया जाएगा। राज्य स्तरीय युवा आयोग का पुनर्गठन भी होना है। साथ ही खेल और खेलों की अधो-संरचना पर आगामी वर्ष 750 करोड़ रूपए की राशि का निवेश किया जाएगा। सालाना एमपी यूथ गेम्स भी होंगे। अनुभव यात्रा में युवाओं को ग्लोबल स्किल पार्क और प्रदेश की संस्कृति को समझने के लिए भीम बैठका और अन्य विश्व धरोहर-स्थलों एवं प्राकृतिक महत्व के स्थलों का भ्रमण करवाया जाएगा। माँ तुझे प्रणाम योजना की तर्ज पर युवाओं को इस यात्रा का लाभ दिलवाया जाएगा, जिससे वे अपनी संस्कृति को न भूलें। इसके लिए पर्यटन, संस्कृति और खेल विभाग द्वारा कदम उठाए जाएँ। संस्कृति विभाग परम्परागत और जनजातीय लोक कला को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के एक हजार युवा कलाकारों को तीन महीने की फैलोशिप से जोड़ेगा, जिसमें प्रतिमाह 10 हजार रूपए का मानदेय दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग स्टार्ट-अप पॉलिसी से विश्वविद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों को व्यवसाय शुरू करने के लिए स्टूडेंट इनोवेशन फंड बना रहा है। इस कार्य में उच्च शिक्षा विभाग भी सहयोगी होगा। वर्तमान में 7 विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। पर्यावरण विभाग योग्य युवाओं का चयन कर उन्हें पर्यावरण के अनुकूल जीवन-शैली के लिए प्रशिक्षण दिलवाएगा। बताया गया कि इन सभी कार्यों के लिए क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधराराजे सिंधिया, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सुउषा ठाकुर, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस उपस्थित थे।