मध्य प्रदेशराज्य

वास्तविक मछुआरों को आर्थिक लाभ दिलाने का प्रयास करें : मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मछुआरों के कल्याण के लिए प्रारंभ किए गए प्रयास थमना नहीं चाहिए। प्रदेश के जलाशयों में मत्स्य-संपदा उपलब्ध है। मत्स्याखेट से जुड़े पारंपरिक मछुआरों को आर्थिक लाभ के लिए निरंतर प्रयास किए जाएँ। उन्हें उत्पाद का अच्छा मूल्य दिलाने के लिए उत्पादों की ब्रान्डिंग का कार्य भी किया जाए। प्रदेश में झींगा उत्पादन भी प्रचुर मात्रा में हो रहा है। इसके विक्रय के लिए बाजार में बेहतर व्यवस्थाएँ और झींगा पालकों को उसका फायदा दिलाने के प्रयास किए जाएँ।

मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय में विभागीय समीक्षा बैठकों के क्रम में मछुआ-कल्याण तथा मत्स्य-विकास विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। जल संसाधन और मछुआ-कल्याण एवं मत्स्य मंत्री तुलसीराम सिलावट, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गत 29 मई को उनके मछुआरों से संवाद कार्यक्रम में मछुआरों को मत्स्य-पालन और मत्स्याखेट के लिए आवश्यक उपकरण, नवीन तकनीक से निर्मित जाल, आइस बॉक्स सहित मोटर साइकिल प्रदान की गई थी। इससे मछुआरों को अपने कार्य में आसानी के साथ आर्थिक लाभ मिल रहा है। शीघ्र ही भोपाल में राज्य-स्तरीय मछुआ पंचायत होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य मछली महाशीर के अलावा रोहू एवं अन्य लोकप्रिय मछली प्रजातियों को अन्य राज्यों के बाजारों तक पहुँचाने के प्रयास करने के निर्देश भी दिए।

जानकारी दी गई कि प्रदेश में मछुआरों के स्थान पर बाहरी लोगों द्वारा जलाशयों में प्रबंधन और मत्स्य-पालन पर रोक की कार्रवाई की गई है। कुल 1745 मत्स्य सहकारी समितियों की जाँच कर अपात्र लोगों को समितियों से बाहर किया गया है। प्रदेश में 14 हजार से अधिक अपात्र सदस्य निष्कासित किए गए हैं।

बताया गया कि प्रदेश में वार्षिक मत्स्य-बीज उत्पादन 145 करोड़ मानक फ्राई से बढ़ा कर 200 करोड़ मानक फ्राई किए जाने के लक्ष्य की पूर्ति के लिए निरतंर प्रयास किए गए। वर्ष 2020-21 में मत्स्य-बीज उत्पादन में 148 करोड़ मानक फ्राई की उपलब्धि अर्जित की गई है। वर्ष 2021-22 में 171 करोड़ मानक फ्राई की उपलब्धि अर्जित की गई है। वर्तमान वित्त वर्ष में जुलाई माह तक 103 करोड़ मानक फ्राई की उपलब्धि अर्जित कर ली गई है। इस वित्त वर्ष के अंत तक 200 करोड़ मानक फ्राई से अधिक उपलब्धि अर्जित करने का प्रयास है। प्रदेश का मत्स्य-उत्पादन जुलाई माह तक 1 लाख 25 हजार मीट्रिक टन हो चुका है। गत दो वर्षों में यह क्रमश: 2.48 लाख टन और 2.93 लाख टन था। वर्तमान वित्त वर्ष में यह उत्पादन लगभग साढ़े तीन लाख मीट्रिक टन रहेगा।

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