मुख्यमंत्री चौहान हिंदी भाषा के साहित्यकारों और कलाकारों को करेंगे सम्मानित
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर हिंदी भाषा के साहित्यकारों और कलाकारों को 5 राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत करेंगे। संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री सुउषा ठाकुर उपस्थित रहेंगी। संस्कृति विभाग द्वारा रविंद्र भवन में 14 सितंबर, बुधवार को शाम 7 बजे हिंदी भाषा सम्मान अलंकरण एवं कवि सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। समारोह में सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान, निर्मल वर्मा सम्मान, फादर कामिल बुल्के सम्मान, गुणाकर मुले सम्मान एवं हिन्दी सेवा सम्मान दिए जायेंगे। इन सभी राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित प्रत्येक को एक-एक लाख रुपये की सम्मान राशि, सम्मान पट्टिका एवं शॉल-श्रीफल दिया जायेगा।
संचालक संस्कृति विभाग अदिति कुमार त्रिपाठी ने बताया कि हिन्दी भाषा के विकास के विभिन्न क्षेत्रों में अमूल्य योगदान के लिए इन पाँच राष्ट्रीय सम्मान की स्थापना वर्ष 2015 में की गई थी। विभाग द्वारा वर्ष 2019 एवं वर्ष 2020 के लिए चयन समिति के निर्णय पर राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान वर्ष 2019 जयदीप कर्णिक, दिल्ली और वर्ष 2020 का सम्मान संस्था – ऋतम, नई दिल्ली को दिया जाएगा। राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान वर्ष 2019 डॉ. कृष्ण कुमार, बर्मिंघम और वर्ष 2020 के लिये रोहित कुमार हैप्पी, न्यूजीलैंड को दिया जाएगा। राष्ट्रीय फादर कामिल बुल्के सम्मान वर्ष 2019 डॉ. बीरसेन जागासिंह, मॉरीशस और वर्ष 2020 प्रो. हिदेआकि इशिका, टोकियो को, राष्ट्रीय गुणाकर मुले सम्मान वर्ष 2019 पद्माकर धनंजय सराफ, भोपाल और वर्ष 2020 के लिये डॉ. संतोष चौबे, भोपाल और राष्ट्रीय हिंदी सेवा सम्मान वर्ष 2019 डॉ. शीला कुमारी, त्रिवेंद्रम और वर्ष 2020 के लिये सुधीर मोता, भोपाल को प्रदान किया जाएगा। इस अलंकरण में वर्ष 2018 के राष्ट्रीय निर्मल वर्मा सम्मान से सम्मानित सुअर्चना पैन्यूली, डेनमार्क एवं वर्ष 2018 के राष्ट्रीय फादर कामिल बुल्के सम्मान से सम्मानित सुआनी मान्तो को भी निमंत्रित किया गया है। विगत अलंकरण सम्मेलन में ये दोनों शामिल नहीं हो पाई थीं।
अलंकरण के बाद कवि सम्मेलन में अशोक चक्रधर नई दिल्ली, सुकीर्ति काले नई दिल्ली, डॉ. विनय विश्वास दिल्ली, विष्णु सक्सेना अलीगढ़ और सुमधु मोहिनी उपाध्याय नोएडा अपनी-अपनी कविताओं से हिन्दी के इस समागम में साहित्यिक रंग बिखेरेंगे। समारोह में सभी साहित्य और कला प्रेमी सादर आमंत्रित है। प्रवेश निःशुल्क रहेगा।