देहरादून (रविन्द्र सिंह): उत्तराखंड में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू की जाएगी। इस योजना में मत्स्य पालकों को मछली पालन के लिए तालाब, रेसवेज निर्माण के लिए ऋण पर ब्याज दर में पांच प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। साथ ही महिला समूहों को मछली पालन के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलेगी। किसानों की तर्ज पर अब मत्स्य पालकों को भी बीमा की सुविधा मिलेगी।
केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना संचालित है। इसमें पर्वतीय क्षेत्रों के हिसाब से मत्स्य पालकों को कोई प्रोत्साहन सुविधा नहीं है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू करने को मंजूरी दी है। इस योजना में महिला समूहों को मछली पालन से जोड़ा जाएगा। तालाब, रेसवेज और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए राज्य सरकार की ओर से तीन प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज दर में छूट दी जाएगी। जबकि दो प्रतिशत केंद्रीय योजना से मिलेगी।
मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना की अवधि पांच साल होगी। इसमें चार हजार लोगों को मछली पालन व्यवसाय से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। महिला समूहों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। मत्स्य पालकों को एक लाख का बीमा कराया जाएगा। इसमें 90 प्रतिशत प्रीमियम धामी सरकार देगी। प्रदेश में ही ट्राउट फिश का सीड भी तैयार किया जाएगा।