मुख्यमंत्री मोहन ने लाड़ली बहनों के खातों में ट्रांसफर किए करोड़ों रुपये
भोपाल : भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में जन कल्याण पर्व के अंतर्गत महिला सम्मेलन और गीता महोत्सव का आयोजन किया गया। गीता जयंती के अवसर पर बुधवार को मोतीलाल नेहरू स्टेडियम के लाल परेड ग्राउंड में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सात जार से अधिक लोगों ने भाग लिया। इसमें 3721 आचार्यों ने गीता के तृतीय अध्याय का सस्वर पाठ किया। यह रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) भी उपस्थित रहे। गिनजी बुक ऑफ ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एजुकेटर विश्वनाथ ने विश्व रिकॉर्ड की घोषणा की। जिसके बाद मुख्यमंत्री को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट सौंपा गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाड़ली बहना योजना के तहत 1250 रुपये की राशि प्रदेश की 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में भेजी। इस राशि का वितरण मुख्यमंत्री जन-कल्याण पर्व के शुभारंभ के साथ किया गया। लाड़ली बहना योजना को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2023 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। पहले योजना के तहत 1000 रुपये दिए जाते थे, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 1250 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गैस रिफलिंग के करीब 350 करोड़ रुपये भी महिलाओं के खातों में ट्रांसफर किए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राजभोज की इस धरती पर एक साल पहले कला और संस्कृति की धारा आनंद में डुबकी लगा रही थी। आज फिर यहां आनंद का कार्यक्रम हो रहा है। उन्होंने कहा कि पांच हजार साल पहले एक रिकॉर्ड बना था, उस समय गिनीज बुक नहीं थी, लेकिन वह वाणी परमात्मा की दी हुई थी, जो गीता के पवित्र ग्रंथ के रूप में आज भी हमको कर्मवाद की शिक्षा देती है और भक्तिवाद की ओर ले जाती है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए कहा कि यह एक अनूठा कार्यक्रम है। उन्होंने गीता पाठ के गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड बनने पर सभी को बधाई दी और कहा कि वह कामना करते हैं कि इस तरह के रिकॉर्ड बनाने वाले कार्यक्रम आगे बढ़ते जाएं और आने वाले समय में कोई इससे बड़ा कार्यक्रम करें, जिससे हमारा पूरा मंच और देश आनंद में डूबे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता के तीसरे अध्याय में कर्मवाद और कर्मयोग की जो बात की गई है, वह हमारे जीवन में आदर्श आचार्य संहिता के रूप में प्रकट होती है। हमारी धर्म संस्कृति में सब कुछ है और पूजा पद्धतियों के प्रति कोई विरोध नहीं है, लेकिन हमें धर्म आधारित आचार संहिता का पालन करना चाहिए, जो हमारे परिवारों और रिश्तों को आदर्श रूप में स्थापित करती है। मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहनाओं को भी बधाई दी और कहा कि आज उनके खाते में बड़ी राशि डालने का कार्य किया गया है। साथ ही, आज सरकार के एक साल पूरे होने पर दो कार्यक्रम भी जुड़े हैं। एक कार्यक्रम 11 से 26 दिसंबर 2024 तक प्रदेश में जन-कल्याण पर्व के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें विभिन्न विकास कार्यों का शुभारंभ और लोकार्पण होगा। इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों का भी जश्न मनाया जाएगा। जन-कल्याण पर्व के दौरान प्रदेशभर में विभिन्न सरकारी योजनाओं और विकास परियोजनाओं की शुरुआत की जाएगी, जो प्रदेश की जनता के लिए लाभकारी साबित होंगी।
दरअसल, लाड़ली बहना योजना को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा साल 2023 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। पहले योजना के तहत 1000 रुपये दिए जाते थे, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 1250 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इससे महिलाओं को सालाना 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिल रही है।
अबतक 18 किस्तें जारी हो चुकी है और अब 19वीं किस्त का इंतजार है। आमतौर पर हर महीने की 10 तारीख को योजना की किस्त जारी की जाती है, हालांकि त्यौहारों को देखते हुए समय से पहले भी किस्त जारी कर दी जाती है, लेकिन इस बार एक दिन की देरी से जारी हो रही है।
क्या नए साल में बढ़ेगी राशि?
नए साल से पहले चर्चा ये भी है कि बजट 2025 में मोहन सरकार लाड़ली बहना योजना की राशि में इजाफा कर सकती है। यह कयास हाल ही में बुधनी और विजयपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान सीएम मोहन यादव के उस बयान से लगाए जा रहे है जिसमें उन्होंने कहा था कि योजना की शुरूआत में पात्र लाड़ली बहनों को 1000 रुपये दिए गए। इसके बाद यह राशि बढ़ाकर 1250 रुपये की गई। इस राशि में आगे और भी वृद्धि की जायेगी। अभी सरकार 1,250 रुपये जमा कर रही है, इसे (मासिक सहायता) तीन हजार रुपये से बढ़ाकर 5 हजार रुपये भी किया जाएगा, यह सरकार की नीति है। सीएम के इसी बयान के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या नए वर्ष में मोहन सरकार लाड़ली बहनों के लिए योजना की राशि में वृद्धि करेगी।