मध्य प्रदेशराज्य

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमेप में निर्धारित स्वास्थ्य लक्ष्य समय पर पूरे करें : मुख्यमंत्री

भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि के लिए व्यापक पैमाने पर कार्य हुए हैं। शासकीय चिकित्सकीय संस्थाओं का उन्नयन कर विशेष रूप से आवश्यक दवायें एवं ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप अनुसार स्वास्थ्य के क्षेत्र में निर्धारित किये गये लक्ष्यों को समय-सीमा में पूरा किया जाये।

मुख्यमंत्री चौहान आज मंत्रालय में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत गठित लोक स्वास्थ्य समूह के प्रस्तुतिकरण में स्वास्थय, आयुष एवं चिकित्य शिक्षा विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अंतर्गत विभागीय लक्ष्यों एवं उनकी अभी तक हुई पूर्ति का प्रस्तुतिकरण दिया गया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त स्वास्थ्य आकाश त्रिपाठी, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा निशांत बरबडे, संचालक एनएचएम सुप्रियंका दास सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग बैठक में वर्चुअली शामिल हुए।

2.53 करोड़ आयुष्मान कार्डो का सत्यापन

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की प्रत्येक योजना आम आदमी के लाभार्थ चलाई जाती है। हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि इन योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति को मिले। स्वास्थ्य योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे आम नागरिक योजनाओं से अवगत होकर लाभ ले सके। बैठक में जानकारी दी गई कि आयुष्मान कार्ड बनवाने एवं नामांकन के लिए ऑन लाइन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश में अभी तक कुल 2 करोड़ 53 लाख आयुष्मान कार्ड सत्यापित किए गए हैं।

नर्सिंग सेंटर्स को धंधा बनाने वाले संचालकों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई हो

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य का क्षेत्र मानव सेवा का क्षेत्र है। जिन नर्सिंग सेन्टर्स संचालकों द्वारा मानव सेवा छोड़ अपने सेन्टर्स को धन उगाही का केन्द्र बना लिया है, उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही कर एफआईआर दर्ज करें। प्रदेश में हर जरूरतमंद को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है।

हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स का उन्नयन

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में 5091 उप स्वास्थ्य केन्द्रों का हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स में उन्नयन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य का 71 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। 2850 उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स की पदस्थापना हेतु चयन प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसके अलावा 1134 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर्स में उन्नयन किया जा चुका है। निर्धारित लक्ष्य का 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। इन सेंटर्स पर 128 प्रकार की दवाइयाँ उपलब्ध कराई गई हैं। निर्धारित अनिवार्य दवा सूची के अनुसार दवायें उपलब्ध कराने के संबंध में जिलों को निर्देश जारी किए गए हैं।

100 प्रतिशत आयुष हेल्थ सेंटर्स चिन्हित

बैठक में बताया गया कि आयुष हेल्थ एवं वेलनेस केन्द्रों के चिन्हांकन का कार्य 100 पूर्ण किया जा चुका है। इन सेंटर्स पर योग शिक्षकों के माध्यम से 362 केन्द्रों में योगाभ्यास प्रारंभ किया गया है। भोपाल और इंदौर में आयुष सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की स्थापना का कार्य लगभग 50 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।

55 लाख बच्चों का प्रतिवर्ष होगा पूर्ण टीकाकरण

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने परिवार नियोजन के कार्य को पुन: गति देने की आवश्यकता बताई। बैठक में बताया गया कि अनमोल पोर्टल पर गर्भवती माताओं का पंजीयन शुरू किया गया है। इसके तहत विगत दो वर्षों में लगभग 14 लाख दम्पत्ति लाभांवित हो चुके हैं। पाँच वर्ष से कम उम्र के 55 लाख बच्चों का प्रतिवर्ष पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित किया गया है। आगामी 6 माह में टीकाकरण का लक्ष्य 90 प्रतिशत सुनिश्चित किया गया है।

मुख्यमंत्री चौहान ने टी.बी. उन्मूलन की दिशा में किये जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की। बताया गया कि वर्ष 2020-21 में एक लाख 75 हजार 130 मरीजों का सफल उपचार किया गया। वर्ष 2021-22 में कुल 60 हजार 997 मरीजों का उपचार किया गया। टी.बी. की रोकथाम के प्रारंभिक स्तर पर दवाओं का छिड़काव एवं अन्य आवश्यक कदम उठाये गये हैं। वर्ष 2020-21 में 2 लाख 13 हजार 192 मरीजों को 49.50 करोड़ और वर्ष 2021-22 में एक लाख 3 हजार 250 मरीजों को 18.61 करोड़ का डीबीटी भुगतान किया गया।

एमबीबीएस की सीटों में वृद्धि

बैठक में बताया गया कि चिकित्सा महाविद्यालयों की प्रवेश क्षमता में वृद्धि की गई है। भोपाल एवं इंदौर के चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस के लिये 100 सीटों की वृद्धि की गई है। ग्वालियर, जबलपुर और सागर में सीटों में वृद्धि के लिये केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसकी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।

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