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बच्चों के लंबे समय तक डायरिया पीड़ित रहने से शरीर और मस्तिष्क के विकास पर पड़ता है बुरा असर

रायपुर : बरसात के मौसम में कई बीमारियों की आशंका रहती है। डायरिया भी इनमें से एक है। डायरिया दूषित जल के सेवन से होने वाली बीमारी है जो जरा सी लापरवाही के चलते गंभीर रूप धारण कर सकती है तथा इससे व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। छोटे बच्चों में डायरिया की बीमारी बहुत खतरनाक हो सकती है, क्योंकि यह बच्चे को एक दिन में ही बहुत ज्यादा कमजोर कर देता है। भारत में जन्म से पांच वर्ष तक के बच्चों में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण डायरिया है।

डायरिया के प्रमुख लक्षणों में बार-बार मल त्याग करना, मल बहुत पतला होना, तीव्र दशाओं में रोगी के पेट के पूरे निचले भाग में दर्द और बेचैनी महसूस होना प्रमुख है। बीमारी बढ?े पर आंतों में मरोड़ या पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द भी होने लगता है। डायरिया जल्दी काबू में न आए तो निर्जलीकरण की स्थिति पैदा हो सकती है। इससे मरीज कमजोरी महसूस करता है। ऐसी स्थिति में बुखार आना सामान्य बात है। शरीर में पानी के साथ खनिज तत्वों की ज्यादा कमी होने लगे तो मरीज बेहोशी की हालत में जा सकता है और स्थिति जानलेवा हो सकती है।

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