तुर्की-सीरिया से सबक: बच्चे सीखेंगे भूकंप से बचना, गोरखपुर से होगी शुरुआत
गोरखपुर : तुर्की-सीरिया में आए भूकंप ने पूरी दुनिया को हिला दिया है। भारत में भी कई राज्य और शहर भूकंप के लिहाज से खतरे वाले इलाके माने जाते हैं। 2015 में गोरखपुर समेत यूपी के कई शहरों को भूकंप का सामना करना पड़ा था। उस भूकंप का केंद्र नेपाल में था। उस विनाशकारी भूकंप के चलते गोरखपुर ने भी नेपाल से आए शरणार्थियों के लिए पहली बार कैंप लगाए और देखे थे। माना जाता है कि भूकंप जैसी आपदा के समय तुरंत लिए गए फैसले और लोगों की सुरक्षा के लिए अपनाए गए तौर-तरीके ही काम आते हैं। ऐसे में गोरखपुर के जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक बड़ी पहल की है। प्राधिकरण स्कूली बच्चों को बचाव के गुर सिखाने जा रहा है।
जिले भर के प्राथमिक स्कूलों के बच्चे अब विद्यालय भवन और परिसर में असुरक्षित और सुरक्षित जगह के आकलन की समझ बढ़ाने में स्वयंसेवी संस्थाएं और विशेषज्ञ मदद करेंगे। आपदाओं में सबसे अधिक शिकार बच्चे होते हैं। उन्हें आपदाओं से पहले, आपदाओं के दौरान आपदाओं के बाद पैदा होने वाली स्थितियों से निपटने के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। सही जानकारी नहीं होने से काफी नुकसान उठाना पड़ता है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बच्चों को आपदाओं के प्रति जागरूक और प्रशिक्षित करने का फैसला लिया है। विशेषज्ञों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के लोगों के साथ मिलकर बच्चे विद्यालय भवन और परिसर के सुरक्षित और असुरक्षित जगहों के बारे में जानेंगे। जिससे आपदा आने पर सुरक्षित जगह जाकर खुद को बचा सके।
विशेषज्ञ सुरक्षित स्थलों के लिए फ्लैग के जरिए स्थितियों का निर्धारण करेंगे। मसलन संवेदनशील क्षेत्रों के लिए बच्चे लाल फ्लैग लगाएंगे। संतोषजनक क्षेत्रों के लिए पीला और सुंदर क्षेत्रों के लिए हरा फ्लैग लगाएंगे। एनडीआरएफ जवान समय-समय पर बच्चों से पूर्वाभ्यास भी कराएंगे।