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चीन ने ताइवान के पेट्रोलियम डिपो पर किया हमला! वीडियो ने मचाई सनसनी

बीजिंगः चीन ने ताइवान के सबसे बड़े पेट्रोलियम डिपो पर हमले का अभ्यास किया है। चीनी सेना (PLA) ने इसका वीडियो भी जारी किया है, जिसमें चीनी रॉकेट ताइवान के डिपो जैसी दिखने वाली एक रेप्लिका को निशाना बनाते दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि बीजिंग ने यह वीडियो ताइवान को धमकाने और दबाव बनाने के मकसद से जारी किया है। यह वीडियो दक्षिण चीन सागर में ‘स्ट्रेट थंडर 2025A’ नामक अभ्यास के दौरान शूट किया गया। इसमें PLA के जमीनी बल 70 किमी दूर से 16 लाइव 300 मिमी रॉकेट दागते हुए नजर आ रहे हैं।

टारगेट एक नकली एलएनजी टर्मिनल था, जिसकी डिज़ाइन ताइवान के काऊशुंग तट पर स्थित योंगन एलएनजी स्टेशन जैसी थी। इसमें छह सफेद गोल क्षेत्र बनाए गए थे, जो असली टर्मिनल पर मौजूद छह अर्ध-भूमिगत ईंधन टैंकों का प्रतिनिधित्व करते थे। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य PLA की नाकाबंदी लागू करने की क्षमता का परीक्षण करना और ताइवान के ऊर्जा आयात को काटने का संदेश देना था। चीनी सरकारी चैनल CCTV ने कहा, “ऊर्जा आपूर्ति और आपूर्ति मार्गों को काटना ताकि अलगाववादी ताकतों को तेज़ी और सटीकता से कुचला जा सके। कोई लंबा युद्ध नहीं होगा। अलगाववादी ताकतों का सफाया साफ और निर्णायक होना चाहिए।”

चीनी सेना के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मेंग जियांगकिंग ने बताया कि अगर ताइवान समुद्री आपूर्ति मार्ग खो देता है तो उसे ऊर्जा संकट, आर्थिक ठहराव और सामाजिक अस्थिरता का सामना करना पड़ेगा। मेंग ने कहा, “एक बार समुद्री आपूर्ति लाइनों के टूटते ही ताइवान एक ‘मृत द्वीप’ बन जाएगा।” PLA अकादमी ऑफ मिलिट्री साइंसेज के शोधकर्ता फू झेंगनान ने भी कहा कि PLA “किसी भी समय और किसी भी दिशा से” हमला करने की क्षमता रखता है, जिसमें ताइवान की ऊर्जा और रसद लाइफलाइन को निशाना बनाना भी शामिल है। योंगन एलएनजी टर्मिनल एक नागरिक सुविधा है, इसलिए कुछ विशेषज्ञों ने इस अभ्यास की नैतिकता पर सवाल उठाए हैं। लेकिन पूर्व PLA प्रशिक्षक सोंग झोंगपिंग ने कहा कि यह सैन्य मानकों के अनुरूप है और युद्ध की स्थिति में इस तरह की स्ट्राइक को उचित ठहराया जा सकता है।

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