अमेरिकी चेतावनी के बाद झुका चीन! युद्ध में किसी पक्ष को हथियार नहीं बेचने का लिया संकल्प
बीजिंग : चीन रूस-यूक्रेन युद्ध में किसी भी पक्ष को हथियार नहीं बेचेगा। दरअसल, पश्चिमी देशों ने चिंता जताई थी कि बीजिंग रूस को सैन्य सहायता प्रदान कर सकता है, जिसका जवाब देते हुए चीन के विदेश मंत्री किन गैंग ने शुक्रवार को यह बात कही।
चीन ने राजनीतिक, बयानबाजी और आर्थिक रूप से रूस का समर्थन करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि वह संघर्ष में तटस्थ है। चीन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पश्चिमी देशों ने रूस पर दंडात्मक प्रतिबंध लगाए हैं और मॉस्को को अपने पड़ोसी पर आक्रमण के लिए अलग-थलग करने की मांग की है।
किन गैंग रूस को हथियारों की बिक्री के बारे में इस तरह का स्पष्ट बयान देने वाले उच्चतम स्तर के चीनी अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि चीन दोहरे नागरिक और सैन्य उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात को भी विनियमित करेगा। किन ने जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सैन्य सामग्री के निर्यात को लेकर चीन विवेकपूर्ण और जिम्मेदार रवैया अपनाता है।
उन्होंने कहा, चीन संघर्ष के संबंधित पक्षों को हथियार मुहैया नहीं कारएगा और कानूनों और नियमों के अनुसार दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात का प्रबंधन और नियंत्रण करेगा। विदेश मंत्री ने संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद करने की चीन की इच्छा को भी दोहराया। संवाददाता सम्मेलन में किन ने बीजिंग द्वारा बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किए जाने के बाद बढ़े हुए क्षेत्रीय तनाव के लिए ताइवान की सरकार को दोषी ठहराया।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने फरवरी में कहा था कि अमेरिका के पास ऐसी खुफिया जानकारी है कि चीन रूस को हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराने पर विचार कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि क्रेमलिन के युद्ध के प्रयास में इस तरह की साझेदारी एक “गंभीर समस्या” होगी।
व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को किन के संकल्प का स्वागत किया कि चीन रूस को हथियारों की आपूर्ति नहीं करेगा, लेकिन कुछ घबराहट भी व्यक्त की। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने एक बयान में कहा, जैसा कि हमने हमेशा कहा है, हमें नहीं लगता कि उस दिशा में आगे बढ़ना चीन के हित में है। हम बारीकी से निगरानी करना जारी रखेंगे।