चीन ने बनाई अब सबसे तेज रफ्तार ट्रेन, एक घंटे में 623 किलोमीटर सफर करेगी तय
नई दिल्ली: चीन ने अब मैग्नेटिकली लैविटेटेड यानी मैग्लेव ट्रेन का सफल परीक्षण कर लिया है। चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्रीज कारपोरेशन के मुताबिक पिछले साल अक्टूबर माह में उन्होंने मैग्लेव ट्रेन का टेस्ट लिया था। इस दौरान इसकी स्पीड 387 मील प्रति घंटा यानी 623 किलोमीटर प्रति घंटा मापी गई थी। इसने अब तक की सबसे तेज ट्रेन की रफ्तार का नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
स्पीड 1,000 किलोमीटर प्रति घंटा बढ़ाने का लक्ष्य
सी.ए.एस.आई.सी. के मुताबिक यह स्पीड सुपरकंडक्टिंग मैग्लेव वाहनों की दुनिया में मील का पत्थर साबित होगा। सफलता के बाद सी.ए.एस.आई.सी. की तरफ से बड़ा बयान दिया गया है। उनका कहना है कि अब वह इस गति को 3 गुना ज्यादा बढ़ाने में लगे हुए हैं। चीन का सपना मैग्लेव ट्रेनों को हवाई जहाज की गति से भी तेज चलाने का है। इससे पहले सुपरकंडक्टिंग मैग्लेव तकनीक का 380 मीटर ट्रैक पर परीक्षण किया गया था। इस दौरान इसकी गति 145 मील प्रति घंटे यानी 234 किलोमीटर प्रति घंटे मापी गई थी। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक सी.ए.एस.आई.सी. ने अपने अगले चरण में ट्रेन की स्पीड को 621 मील प्रति घंटे यानी 1,000 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाने का प्लान बनाया है।
कैसे चलती हैं मैग्लेव ट्रेनें
बता दें कि मैग्लेव ट्रेनें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ऊर्जा की वजह से पटरी से कोई 10 मिलीमीटर ऊपर हवा में चलती हैं। रफ्तार को बढ़ाने के लिए लिए ट्रेन को खास तरह से डिजाइन किए गए लो-वैक्यूम ट्यूब से गुजारा जाता है। सी.ए.एस.आई.सी. ने कहा है कि इस टैस्ट से यह साबित हो गया है कि व्हीकल ट्यूब और ट्रैक अच्छी तरह से एक साथ काम कर सकते हैं, जिससे भारी मैग्लेव व्हीकल लगातार ऊपर उठे रहते हैं। स्ट्रांग मूवमेंट सिस्टम और सिक्योरिटी कंट्रोल भी उम्मीद के मुताबिक काम कर रहे हैं। इसकी मदद से ही ट्रेन इतनी ज्यादा स्पीड हासिल करती है, जो किसी जैट विमान की गति होती है।