अन्तर्राष्ट्रीय

चीन ने नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह से पहले ताइवान पर बढ़ाए साइबर हमले

बीजिंगः चीन ने अपने कट्टर दुश्मन देश ताइवान पर उसके नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही साइबर हमले बढ़ा दिए हैं। ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते, जिन्हें चीन ‘खतरनाक अलगाववादी’ मानता है, 20 मई को शपथ लेने जा रहे हैं। लाई चुंग-ते ताइवान के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका के साथ ताइवान के रिश्ते और मजबूत होंगे। इससे भारत को भी फायदा होगा, क्योंकि ताइवान वैश्विक सेमीकंडक्टर चिप हब है। इस शपथ ग्रहण समारोह पर दुनिया की नजर है। शपथ ग्रहण समारोह से पहले चीन ने ताइवान के ऊपर अपने 45 लड़ाकू विमान उड़ाए। इससे ताइवान अलर्ट पर है और अमेरिका उसके सपोर्ट में है। लाई चिंग-ते 2010 में ताइवान के मेयर थे और 2020 में उपराष्ट्रपति बने। लाई चुंग-ते ताइवान को एक अलग देश के रूप में मान्यता देने के लिए लंबे दुनिया के देशों के साथ अच्छे संबंध बना रहे हैं।

दरअसल, ताइवान को चीन अपना हिस्सा मानता है लेकिन ताइवान खुद को एक अलग देश मानता है। बेशक ताइवान को अलग देश के रूप में अब तक मान्यता नहीं मिली है क्योंकि केवल 12 छोटे देश ही ताइवान को एक अलग देश के रूप में मान्यता देते हैं। ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चुंग-ते 20 मई को शपथ लेंगे। चीन के कट्टर विरोधी नए राष्ट्रपति ने चुनाव से पहले अपने देश के लोगों से वादा किया है कि ताइवान को दुनिया में एक अलग देश का दर्जा दिलवाएंगे। अब देखना यह है कि ताइवान जैसा छोटा सा देश क्या चीन पर भारी पड़ सकता है।

बता दें कि चीन के पास स्थित एक छोटा सा देश ताइवान पूरी दुनिया को सेमीकंडक्टर चिप्स की आपूर्ति करता है। अगर सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन बंद हो गया तो समझ लीजिए दुनिया की रफ्तार थम गई। मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप, टीवी, सेट-टॉप बॉक्स, ई-व्हीकल, मेडिकल मशीनें, इलेक्ट्रिक प्रिंटर, फिंगर प्रिंट, फेस रीडर मशीन सभी में ताइवान में बनी चिप्स का यूज होता है। ताइवान का सिंचू शहर इसका केंद्र है। यहां के साइंस पार्क में लगभग 180 सेमीकंडक्टर चिप कंपनियां और उनके प्लांट हैं। ताइवान की सबसे बड़ी कंपनी टीएसएमसी भी यहीं स्थित है।

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