चीन तनाव: बातचीत से सुलझेगा विवाद ! दोनों के बीच हर सप्ताह WMCC लेवल की बातचीत
दिल्ली, 28 जून, दस्तक (ब्यूरो): पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना की हिमाकत के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। चीन ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास 10 हजार सैनिकों की तैनाती कर रखी है। वहीं भारत की तरफ से भी चीन के हर हमले का करारा जवाब देने के लिए सीमा के पास फौज तैनात की गई है। आखिरकार दोनों देशों के बीच बातचीत से विवाद सुलझाने पर सहमति बनी है। इसलिए भारत और चीन के बीच प्रत्येक सप्ताह वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोर्डिनेशन लेवल की बातचीत होगी। यह बैठक वर्चुअल होगी और पिछले सप्ताह की तरह इसका नेतृत्व विदेश मंत्रालय के अधिकारी ही करेंगे।
बातचीत से सीमा पर तनाव कम होगा
उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोर्डिनेशन लेवल की बातचीत से सीमा पर तनाव कम होगा। जाहिर है पिछले कुछ समय में चीन ने कई बार भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की है। हालांकि भारतीय सेना की बहादुरी की वजह से उन्हें हमेशा मुंह की खानी पड़ी है। पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में कुछ दिनों पहले भी ऐसा ही हुआ। जब दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद बनी सहमति के बावजूद चीनी सेना अपनी सीमा में वापस नहीं लौट रही थी।
LAC विवाद को सुलझाने की बात
जब भारतीय सेना की तरफ से उन्हें वापस लौटने को कहा गया तो उन्होंने पीछे से वार कर दिया। दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई इस हिंसक झड़प में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन के भी 40 से अधिक सैनिक हताहत हुए हैं। हालांकि चीन अभी तक इस बात को छिपा रहा है। दोनों देशों के बीच हुई बैठक में चीन 1959 और 1960 का मैप लेकर आया था। इस मैप को दिखाते हुए उन्होंने LAC विवाद को सुलझाने की बात कही। गौरतलब है कि भारत ने पहले भी इस मैप को रिजेक्ट कर दिया था। जिसके बाद दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ। चीन ने बातचीत के दौरान यह भी कहा कि बीजिंग ने अन्य चार देशों के साथ लगने वाले सीमा को लेकर सभी विवाद समाप्त कर लिया है। लेकिन भारत के साथ सीमा विवाद खत्म करने में दिक्कत हो रही है। हालांकि भारत की तरफ से सभी आरोप को नकार दिया गया। भारत ने नेपाल के साथ कालापानी मुद्दे को लेकर चीन के उस आरोप को भी खारिज किया जिसमें वो भारत को विस्तारवादी योजना के तहत काम करने की बात कह रहे थे। भारत ने चीनी अधिकारियों को लद्दाख और अन्य देशों पर कब्जा करने की बात भी याद दिलाई।