पाकिस्तान के लिए शर्मिंदगी की वजह बना चीन का जेट जेएफ-17 विमान, कई प्रयासों के बाद भी नहीं हो पाया ठीक
बीजिंग : चीन निर्मित जेट जेएफ-17 पाकिस्तान के लिए शर्मिंदगी का सबब बन गया है। डिफेसा ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन द्वारा विकसित जेट जेएफ-17 में रूसी आरडी-93 इंजन लगा हुआ है, जिसमें कई खराबी के कारण यह पाकिस्तान के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गया है, लेकिन इसके बावजूद कई देशों ने जेट जेएफ-17 में दिलचस्पी दिखाई है। हाल ही में अजरबैजान, श्रीलंका और मलयेशिया ने जेएफ-17 फाइटर के संभावित खरीदारों के रूप में अपनी रुचि दिखाई है।
चीनी नानजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी ने रूसी आरडी-93 इंजन को ठीक करने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन इसके बाद भी यह ठीक नहीं हो सका। जेएफ-17 के लिए बीजिंग और इस्लामाबाद के बीच समझौते पर हुए हस्ताक्षर के मुताबिक, पाकिस्तान चीन (China) की मध्यस्थता के बिना रूस से इंजन और स्पेयर पार्ट्स प्राप्त नहीं कर सकता है। डिफेसा ऑनलाइन के अनुसार, चीनी लड़ाकू विमानों (chinese fighter jets) के कई बार खराब होने के कारण पाकिस्तान ने चीन की मध्यस्थता से परहेज करते हुए नए आरडी-93 इंजन की खरीद के लिए सीधे मॉस्को से आवेदन किया था।
रूस आरडी-93 इंजन, स्पेयर पार्ट्स और रखरखाव की सुविधा भी देना चाहता था, लेकिन रूस की रक्षा निर्यात एजेंसी रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों ने पाकिस्तानी वायु सेना के लिए और जटिलताएं पैदा कर दीं। दशकों से लड़ाकू विमान के रूप में शक्ति निर्यात करने वाले चीन का विकास रोकना असंभव लग रहा था। लेकिन, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के हथियार हस्तांतरण डाटाबेस के अनुसार, 2000 और 2020 के बीच चीन ने केवल 7.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के सैन्य विमानों का निर्यात किया है और चीनी लड़ाकू जेट अभी भी अपने अपेक्षाकृत छोटे लक्ष्य बाजार में बेचे जा रहे हैं।
1990 के दशक में चीनी लड़ाकू विमानों के मुख्य ग्राहक पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, उत्तर कोरिया और कुछ अफ्रीकी देश थे। डिफेसा ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, ये देश आज भी चीन के ग्राहक हैं।इस साल जनवरी में ताइवान न्यूज ने रिपोर्ट दी थी कि पाकिस्तानी नेताओं ने कम लागत वाले, हल्के, सभी मौसम में काम आने वाले मल्टी-रोल फाइटर विमान की उम्मीद की थी, जो रूस के सुखोई एसयू-30एमकेआई (Su-30MKI) या फ्रांस के मिराज 2000 जैसा होगा, लेकिन वास्तविकता पाक की उच्च उम्मीदों से काफी कम थी।
1999 में जब बीजिंग और इस्लामाबाद ने जेएफ-17 के संयुक्त उत्पादन के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, तो इसे एसयू-30एमकेआई, मिग-29 और मिराज-2000 के बराबर वाले लड़ाकू जेट के रूप में पेश किया गया था। लेकिन डेली सन की रिपोर्ट के अनुसार, वास्तविकता यह है कि जेएफ-17 चीनियों द्वारा किए गए शेखी बघारने वाले दावों के आस-पास भी नहीं है। ऐसे में पाकिस्तानी वायु सेना अपनी शर्मिंदगी छुपाने के लिए अन्य विकल्पों को खोज रही है।
पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर उत्पादित जेएफ-17 थंडर (ब्लॉक III) की पहली तस्वीर हाल के दिनों में सामने आई है। उम्मीद है कि नया संस्करण पुराने जेएफ-17 मॉडल से बिल्कुल अलग होगा, फिर भी इसके कथित अपग्रेडेशन की सीमा पर सवाल उठ रहे हैं।