अन्तर्राष्ट्रीय

चीनी बाम्‍बर H- 20 और US के B-2 में कौन है ज्‍यादा श्रेष्‍ठ

नई दिल्‍ली : ताइवान और दक्षिण चीन सागर में चीन और अमेरिका के बीच विवाद गहराता जा रहा है। हाल में अमेरिकी कांग्रेस की अध्‍यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान की यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच तनातनी चरम पर है। ताइवान की सुरक्षा को लेकर अमेरिका ने यह साफ कर दिया है कि वह चीन के साथ जंग करने के लिए भी तैयार है। नैंसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन और आक्रामक हो गया है। चीन ताइवान स्‍ट्रीट पर लगातार सैन्‍य अभ्‍यास कर रहा है। दोनों देशों ने अपनी सेना के खतरनाक हथियार तैनात कर दिए हैं। दोनों देशों के तनाव के बीच अमेरिकी बाम्‍बरों की खूब चर्चा रही। ताइवान स्‍ट्रीट पर इसकी गर्जना सुनी गई। ऐसे में सवाल उठता है कि इन अमेरिकी बाम्‍बर से निपटने में चीनी सेना कितनी सक्षम है। क्‍या उसके पास कोई बाम्‍बर है। वह अमेरिकी वायु सेना के बेड़े में शामिल बाम्‍बरों को चुनौती दे सकेगा।

अमेरिका के साथ जारी तनाव के बीच चीन से एक लंबी दूरी के स्टील्थ बाम्‍बर Xian H-20 की चर्चा हो रही है। यह बाम्‍बर प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिकी नेवल बेस गुआम और आसपास के दूसरे सैन्य ठिकानों पर परमाणु हमला करने में सक्षम है। कुछ महीने पूर्व चीन के स्टेट डिफेंस कार्पोरेशन नोरिन्को ने चीन के नए स्टील्थ स्ट्रैटजिक बाम्‍बर जियान H -20 की कंप्यूटर से बनी कुछ तस्वीरें जारी की थी। पहली बार युद्धक विमान की पहली झलक दिखाई गई है।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन का यह बमवर्षक अमेरिका के B-2 की तर्ज पर बनाया गया है। यह अमेरिकी बमवर्षक विमान की हूबहू नकल है। इसमें हथियारों को रखने के लिए एक इंटरनल बे बना हुआ है। इसमें दो एडजस्टेबल टेल विंग और एक एयरबार्न रडार लगा हुआ है। इसके अलावा इस बाम्‍बर में पायलटों के बैठने वाले काकपिट के दोनों साइड एक-एक एयर इंटेक भी बने हुए हैं। नोरिन्को मैगजीन ने इस तस्वीर को जारी करते हुए चीन के H-20 को आकाश में युद्ध का देवता का नाम दिया है।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार चीन अपने H-6 स्ट्रेटजिक बाम्‍बर को हटाकर अब आधुनिक H-20 स्टील्थ बाम्‍बर को तैनात करने की योजना बना रहा है। यह दावा किया जा रहा है कि चीन का यह विमान भी उसके दूसरे अन्य विमानों की तरह तकनीकी की चोरी कर बनाया गया है। इस विमान के पैटर्न अमेरिका के B-2 और B-21 बाम्‍बर से मिलते जुलते हैं। नेशनल इंट्रेस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का यह विमान अब भी रहस्यमय बना हुआ है, जबकि अमेरिका के B-2 और B -21 बाम्‍बरों को कई युद्धों और खुफिया मिशन में आजमाया जा चुका है। ऐसे में यह विमान अमेरिका के सामने कोई बड़ी चुनौती खड़ी करने में सफल नहीं हो सकता है।

चीन ने पहली बार H-20 बाम्‍बर को एक एयर शो में प्रदर्शित किया था। यह दावा किया गया था कि चीन H-20 सुपरसोनिक स्टील्थ बाम्‍बर चीन की एयर स्ट्राइक क्षमता को दोगुना कर सकता है। हालांकि, अभी तक चीन अपने इस विमान को बेहद गोपनीय रखा है। किसी भी प्लेटफार्म पर इस विमान के बारे में ज्यादा जानकारी साझा नहीं की गई है। अमेरिका ने अपनी पेंटागन रिपोर्ट में पहली बार वर्ष 2018 और 2019 में इसका उल्लेख किया था। 2019 में प्रकाशित अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की वार्षिक चाइना मिलिट्री पावर रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का H-20 विमान 8,500 किमी की दूरी तक हमला करने में सक्षम है। यह परमाणु और गैर परमाणु (पारंपरिक) हथियार ले जाने में सक्षम है।

उधर, B-2 स्पिरिट दुनिया के सबसे घातक बाम्‍बर माने जाते हैं। यह बमवर्षक विमान एक साथ 16 परमाणु बम ले जा सकता है। हाल ही में इसके बेड़े में बेहद घातक और सटीक मार करने वाले B61-12 परमाणु बम शामिल किए गए हैं। यही नहीं यह दुश्‍मन के हवाई रक्षा कवच को चकमा देकर आसानी से उसके इलाके में घुस जाता है। इस बाम्‍बर पर एक हजार किलो के परंपरागत बम भी तैनात किए जा सकते हैं। यह दुश्‍मन की जमीन पर हमला करने के लिए सबसे कारगर बाम्‍बर माना जाता है।

वर्ष 1997 में एक B-2 बाम्‍बर की कीमत करीब 2.1 अरब डालर थी। अमेरिका के पास कुल 20 B-2 स्पिरिट स्‍टील्‍थ बाम्‍बर हैं। यह बाम्‍बर 50 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए 11 हजार किलोमीटर तक मार कर सकने में सक्षम है। एक बार रिफ्यूल कर देने पर यह 19 हजार किलोमीटर तक हमला कर सकता है। इस विमान ने कोसोवा, इराक, अफगानिस्‍तान और लीबिया में अपनी क्षमता साबित की है।

Related Articles

Back to top button