अन्तर्राष्ट्रीय

ताइवान में एक के बाद एक घुसे चीन के लड़ाकू विमान, 6 घंटे में 37 फाइटर जेटों ने मचाया ‘तहलका’

ताइपे: चीन और ताइवान में चल रहे तनाव के बीच गुरुवार को द्वीपीय देश के रक्षा मंत्री ने बताया कि 6 घंटे के भीतर ताइवान के वायु रक्षा जोन में 30 से ज्यादा चीनी लड़ाकू विमानों ने प्रवेश किया. चीनी सेना की एक दिन की घुसपैठ में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.

चीन का दावा है कि स्व-शासित ताइवान उनका इलाका है और अगर जरूरत पड़ी तो वह इसे एक दिन में ले लेंगे. हाल के सालों में चीन की ताइवान के वायु रक्षा के तौर पर पहचान किए गए क्षेत्र में घुसपैठ तेज की है, जो 2022 में उसके पहले के सालों की तुलना में दोगुनी हो चुकी है.

ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री के प्रवक्ता सन ली फांग ने गुरुवार को बताया कि स्थानीय समय के हिसाब से सुबह 5 बजे करीब 37 सैन्य विमान ताइवान के दक्षिण पश्चिमी सीमा में प्रवेश कर गए थे. वहीं उन्होंने 11 बजे बताया कि, उनमें से कुछ लंबी दूरी के टोही प्रशिक्षण के लिए पश्चिमी प्रशांत की ओर बढ़ गए और वहीं रहे.

हालांकि इस साल की यह बड़ी घुसपैठ नहीं है. इससे पहले 9 अप्रैल को करीब 45 उड़ानें हुई थीं, हालांकि गुरुवार को हुई घुसपैठ बहुत कम समय के अंतराल में हुई थी. मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए बताया कि ताइवान की सेना इस पर पैनी निगाह बनाए हुई है. इसके जवाब में गश्ती विमान, नौसैनिक जहाज और भूमि आधारित मिसाइल प्रणालियों को भेजा गया है.

आपको बता दें कि ताइवान का वायु रक्षा पहचान जोन उसके वायु क्षेत्र से काफी बड़ा है, और कहीं कहीं पर यह चीन के वायु रक्षा पहचान जोन पर ओवरलैप भी कर जाता है. यही नहीं सिर्फ वायु क्षेत्र ही नहीं कहीं कहीं पर इसमें मेनलैंड भी शामिल है. विश्लेषकों का कहना है कि ताइवान के रक्षा क्षेत्र में चीन की बढ़ती जांच पड़ताल उसकी व्यापक ग्रे जोन रणनीति का हिस्सा है जिससे वह आइलैंड पर दबाव बनाए रखे.

यह घुसपैठ तब हुई जब एक दिन पहले अमेरिका, फिलीपींस और जापान ने दक्षिण चीन सागर में अपने संयुक्त तटरक्षक अभ्यास को पूरा करने की बात कही थी. ताइवान के आसपास चीन की सेना के लड़ाकू विमानों और नौसेना अभ्यासों में बढ़ोतरी ताइवान की दूसरे देशों के साथ राजनयिक जुड़ाव के साथ ही होना कई बातों को साफ कर देता है. चीन ने हमेशा से ही ताइवान को एक संप्रभु राष्ट्र मानने वाली कूटनीतिक कार्रवाई की निंदा की है और उसने द्वीप के आसपास हो रहे किसी भी संयुक्त अभ्यास को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

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