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सिंथेटिक मेंथॉल से उत्पन्न चुनौती का सीमैप के अनुसंधान से मुकाबला सम्भव

लखनऊ: केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान(सीमैप), लखनऊ में मेंथॉल मिंट पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का आज समापन हुआ,जिसमे 4 लीड लेक्चर, 14 आमंत्रित और 48 पोस्टर प्रस्तुत किए गए। सीएसआईआर-सीमैप के कार्यवाहक निदेशक डॉ. आलोक कालरा ने मुख्य अतिथि रमाकांत पांडे (आईएएस ,निदेशक, मंडी परिषद, उत्तर प्रदेशसरकार) का स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने पिछले दो दिनों के दौरान प्रस्तुत विभिन्न व्याख्यानों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होने यह भी बताया कि सिंथेटिक मेन्थॉल की चुनौती लेने के लिए सीमैप के अनुसंधान और विकास प्रयासों से मेंथा के उत्पादन की लागत में कमी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

मुख्य अतिथि रमाकांत पांडे ने कहा कि सम्मेलन न केवल किसानों के सशक्तीकरण में मदद करेगा, बल्कि उद्योग, सरकारी संगठनों और अनुसंधान संस्थानों को अपनी योजनाओं के निर्माण के लिए भी दिशा प्रदान करेगा। इस अवसर पर ई.मनोज सेमवाल (नोडल मीडिया) ने बताया कि मेन्थॉल की खेती का आंकलन और प्रामाणिक जानकारी एकत्रित करने के लिए रिमोट सेंसिंग, ड्रोन तथा मोबाइल एप्लिकेशन जैसी नवीनतम तकनीकियों का उपयोग किया जाना चाहिए। इस दौरान यह भी चर्चा की गई कि मेंथा फसल के विस्तार के लिए स्थान-विशिष्ट किस्मों और कृषि विज्ञान को विकसित करने की आवश्यकता है। आज एक ओपन फोरम का भी आयोजन किया गया जिसमें किसानों, उद्योग और वैज्ञानिकों ने भाग लिया और उन्होने मेंथॉल मिंट की चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की। सम्मेलन में 13 प्रतिष्ठित किसानों और 10 पोस्टरों को सम्मानित किया गया। सम्मेलन का समापन डॉ.रमेश श्रीवास्तव द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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