राहुल की यात्रा के लिए शहर कांग्रेस ने बनाई 22 समितियां, पुराने नेताओं को सौंपेंगे जवाबदारी
इन्दौर : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के लिए कांग्रेस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कल इंदौर पहुंचे दिग्विजयसिंह ने जिले और आसपास के जिलों के वरिष्ठ नेताओं ने से वन-टू वन बात की और उनसे तैयारियों को लेकर चर्चा की। शहर कांग्रेस भी 22 समितियों का गठन कर रही है जो यात्रा के दौरान एक्टिव रहेगी। इसमें जिसे जो जवाबदारी दी जाएगी, वह उसी क्षेत्र में काम करेगा। इसी तरह जिले की भी कमेटियां तैयार की जा रही है।
यात्रा अब 2 दिन बाद मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगी। पहले 21 नवम्बर की तारीख तय हुई थी, लेकिन अब यात्रा 23 नवम्बर को प्रदेश में बुरानपुर बार्डर से प्रवेश करेगी और फिर 27 नवम्बर की शाम तक बलवाड़ा पहुंचकर इसी दिन रात्रि विश्राम महू के दशहरा मैदान में विश्राम होगा। इसी दिन आम्बेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण का कार्यक्रम रखा गया है। 28 तारीख को यात्रा यहां से निकलेगी और फिर इंदौर होते हुए राऊ और राजबाड़ा होते हुए खालसा स्टेडियम पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम होगा। 29 नवम्बर को एक दिन का विश्राम रहेगा और इस दिन राहुल गांधी गुजरात जा सकते हैं या फिर खालसा स्टेडियम में ही दिनभर विभिन्न संगठनों से मेल-मुलाकात कर सकते हैं। अभी यह प्रोग्राम तय होना बाकी है। कल दिग्विजयसिंह के जाने के बाद शहर कांग्रेस ने 22 समितियों के गठन का ऐलान किया है, जो शहरी क्षेत्र में यात्रा संबंधी व्यवस्था देखेगी। शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल का कहना है कि एक-दो दिन में समितियों के नामों और प्रभारियों की घोषणा कर दी जाएगी। शहर के सभी वरिष्ठ नेताओं और पुराने पदाधिकारियों को साथ लेकर काम किया जाएगा, ताकि यात्रा को इंदौर में ऐतिहासिक रूप से सफल बनाया जा सके। यही नहीं जिला स्तर पर भी समितियों का गठन किया जा रहा है, जहां इंदौर जिले की सीमा चोरल से लेकर सांवेर तक ये समितियां काम करेंगी।
पिछले दिनों गुरू नानक जयंती पर खालसा स्टेडियम में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पहुंचने के दौरान वहां ली गई और आपत्ति और बाद में भाजपा के पूर्व नगर उपाध्यक्ष सुमित मिश्रा द्वारा दूसरी बार कमलनाथ के स्टेडियम में आने पर काले झंडे दिखाने की घोषणा के बावजूद राहुल की टीम ने खालसा स्टेडियम का चयन ही राहुल के रात्रि विश्राम के लिए किया है। मिश्रा ने घोषणा की है कि वे अपने साथ 2 से 3 हजार कार्यकर्ताओं को लेकर काले झंडे दिखाएंगे। हालांकि गुरू सिंघ सभा की ओर से इस मामले में कोई बयान सामने नहीं आया है।