नई दिल्ली: पंजाब सरकार द्वारा बनाए गए आम आदमी क्लीनिक लोगों को समर्पित है। लोग अपनी बीमारियों का इलाज करवाने के लिए काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। इसी बीच लुधियाना में 28 आम आदमी क्लीनिक जांच में घेरे में आ गए हैं जिसमें हेरफेर की खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार नए सिविल सर्जन डाक्टर जसबीर सिंह औलख जिन्होंने हाल ही में दिसंबर महीने में चार्ज संभाला है, ने जांच के दौरान पाया कि 75 क्लीनिकों में से 28 क्लीनिकों में मरीजों की संख्या काफी कम है।
क्लीनिकों में ओ.पी.डी. की संख्या में लगभग 40 प्रतिशत कमी आई है लेकिन डाटा एंट्री में मोहल्ला क्लीनिकों में मरीजों की संख्या का डाटा अधिक देखा गया है। सिविल सर्जन का कहना है कि अधिक कमीशन के लालच में कई क्लीनिकों में डाटा एंट्री अधिक शो की जा रही है।
लुधियाना में उक्त आम आदमी क्लीनिकों में चल रही गड़बड़ी के कारण सिविल सर्जन ने सख्त एक्शन लेते हुए क्लीनिकों नोटिस जारी किया है। इसी के साथ सिविल सर्जन औलख ने जिला प्रतिरक्षण अधिकारी सह नोडल अधिकारी आम आदमी क्लीनिक डा. मिनिषा खन्ना को तुरंत प्रभाव से हरकत में आते हुए जांच के आदेश जारी किए हैं। वहीं उन्होंने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट 7 दिनों के अंदर-अंदर पूरी कर ली जाए।
जानकारी के लिए बता दें कि आम आदमी क्लीनिकों में डाक्टरों को प्रति मरीज 50 रुपए दिए जाते हैं। फार्मासिस्टों और क्लीनिक असिस्टेंटों को हर मरीज 12 रुपए और 10 रुपए दिए जाते हैं। डाक्टरों को लगभग 63,000 रुपए वेतन मिलता है।